2002 में गुजरात में हुए दंगे नरेंद्र मोदी का पीछा छोड़ने का नाम नहीं ले रहे है. बार-बार बीजेपी को इस मुद्दे पर मोदी को बचाव करना पड़ता है पर विपक्ष हमले कम नहीं होते. ताजा हमला बोला है कि जनता दल यूनाइटेड के महासचिव के सी त्यागी ने.
के सी त्यागी का आरोप है कि मोदी को 2002 के दंगों को लेकर कोई दुख नहीं है. उन्होंने कहा, मोदी ने 1200 लोगों की हत्या के बाद एक बार फिर सार्वजनिक तौर पर दुख नहीं जताया. हास्यास्पद स्थिति यह है कि दर्द हो रहा मोदी को और जुबान खुलते हैं राजनाथ जी के. अगर मोदी को वाकई में दुख हुआ है तो वे खुद सामने आकर लोगों को बताएं.
दरअसल, के सी त्यागी राजनाथ सिंह के उस बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिसमें बीजेपी अध्यक्ष ने कहा था कि मोदी के साथ उनकी निजी बातचीत में उन्होंने मुख्यमंत्री के चेहरों के भाव पढ़ने का प्रयास किया. ‘वह काफी दुखी नजर आ रहे थे. लोगों के साथ क्या गड़बड़ी है. क्या यह राजनीति है.’ बीजेपी अध्यक्ष ने ये बातें पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चे की राष्ट्रीय कार्यकारिणी को संबोधित करने के दौरान कही थीं.
गुजरात में 2002 के दंगों को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार देते हुए बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा था कि घटनाओं के लिए मोदी पर दोष लगाना अनुचित होगा.
उन्होंने कहा था, ‘गुजरात भी हमारे राज्यों में एक है. मैं मानता हूं कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. कौन इस बात से सहमत नहीं होगा कि वह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी पर आरोप लगाने के प्रयास किये गये मानो दंगे की योजना मुख्यमंत्री ने ही बनायी हो.’
उन्होंने कहा कि गुजरात के मुस्लिमों से पूछा जाना चाहिए कि क्या वे बीजेपी के शासन में भेदभाव महसूस कर रहे हैं. सिंह ने यह भी दावा किया कि बीजेपी घृणा की धारणा में विश्वास नहीं करती.
साथ ही उन्होंने मुस्लिमों तक हाथ बढ़ाने का प्रयास करते हुए आश्वासन दिया कि उनकी पार्टी समुदाय के प्रति उसके रूख को लेकर किसी भी तरह के ‘भ्रम’ को दूर करने के लिए राजी है.