केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री अजीत सिंह ने यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की. अजीत सिंह की यह मुलाकात ऐसे समय हुई है, जब जेट एयरवेज और अबू धाबी की एतिहाद एयरवेज के बीच 2,058 करोड़ रुपये के सौदे को लेकर विवाद चल रहा है.
हालांकि, सूत्रों का कहना है कि यह राजनीतिक मुलाकात थी, क्योंकि सोनिया गांधी यूपीए की अध्यक्ष हैं, जबकि अजीत सिंह का राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) सत्ताधारी गठबंधन का हिस्सा है. समझा जाता है कि दोनों के बीच बातचीत में जेट-एतिहाद सौदा भी चर्चा में आया.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह, कम्युनिस्ट पार्टी के गुरदास दासगुप्ता, तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी और जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रह्मण्यम स्वामी ने सौदे पर आपत्ति जताई है और इनमें प्रत्येक ने अलग-अलग प्रधानमंत्री को पत्र लिखे हैं.
प्रधानमंत्री कार्यालय ने इसके बाद एक वक्तव्य जारी कर इस तरह के रिपोर्टों को खारिज किया कि सौदे को लेकर सरकार में मतभेद हैं. सरकार ने यह भी कहा कि शेयर (जेट एयरवेज के शेयर एतिहाद को बेचने के) सौदे की फिलहाल जांच की जा रही है.
बयान में कहा गया है कि अबू धाबी और भारत के बीच उड़ानों की अधिकृत संख्या में वृद्धि को ले कर हुए समझौते पर मंत्रालयों के बीच कोई मतभेद नहीं है.
अबू धाबी की एतिहाद एयरवेज ने 24 अप्रैल को जेट एयरवेज में 24 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने का सौदा 2,058 करोड़ रुपये में किया था. विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) ने 13 जून को इस सौदे पर फैसला टाल दिया था.
बोर्ड ने कहा कि सौदे में जेट एयरवेज पर नियंत्रण और मालिकाना हक ढांचे को लेकर स्थिति और स्पष्ट किये जाने की आवश्यकता है. जेट के चेयरमैन नरेश गोयल की जेट एयरवेज में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
नागरिक उड्डयन मंत्री अजीत सिंह ने हालांकि, इस सौदे का मजबूती से बचाव किया है. अजीत सिंह ने कहा, 'जो इसका विरोध कर हैं, वे राजनीति ज्यादा और तथ्यों की बात कम कर रहे हैं. यह काफी महत्वपूर्ण सौदा है, नागरिक उड्डयन क्षेत्र में यह पहला बड़ा सौदा है. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मामले में यह इस वर्ष किसी भी दूसरे सौदे से बड़ा है.'