झारखंड सरकार ने राज्य में सूखे की स्थिति से निपटने के लिए केन्द्र सरकार से 25 अरब रुपये से अधिक की सहायता मांगी है.
झारखंड की आपदा प्रबंधन सचिव डा.एम नीलिगा केरकेट्टा ने बताया कि राज्य सरकार ने लगातार दूसरे वर्ष सूखे से जूझ रहे प्रदेश के लिए केन्द्र से कुल 2507 करोड़ रुपये की मांग की है.
उन्होंने बताया कि यहां केन्द्रीय सूखा राहत दल के आने से पहले राज्य सरकार ने सिर्फ 16 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया था और उनके लिए कुल 1767 करोड़ रूपये की रकम मांगी गयी थी. लेकिन अब जब कि राज्य के सभी 24 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया गया है तो यहां के लिए कुल 2507 करोड़ रूपये की राहत राशि मांगी गयी है.
केरकेट्टा ने बताया कि राज्य के अधिकतर जिलों में सूखा राहत नियंत्रण कक्ष ब्लाक स्तर तक खोल दिये गये है और अब तक नियंत्रण कक्ष नही खोले जा सके है. वहां एक सप्ताह के भीतर इन्हें खोलने के निर्देश मुख्य सचिव ने दिये है. पिछले सप्ताह केन्द्रीय राहत दल ने राज्य का दौरा किया था और यहां की स्थिति को शोचनीय बताया था इस बीच राज्य के मुख्य सचिव डा0 अशोक कुमार सिंह ने बताया कि उन्होंने सभी जिला उपायुक्तों को अपने यहां सूखा राहत से संबद्ध अधिकरियों की अपने तैनाती स्थलों पर उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा है.
इस अवधि में किसी को भी अवकाश नही दिया जायेगा. यदि इस निर्देश का कोई भी उल्लघंन करेगा तो उसके खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई करने के उन्होंने निर्देश दिये है.
उन्होंने बताया कि पूरे राज्य में सूखा रहात कार्यो की वह स्वंय समीक्षा कर रहे है और इसमें किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नही की जायेगी.
उन्होंने बताया कि सभी पंचायतों में गरीबी रेखा से उपर के कोटे से दस-दस क्विंटल अनाज पहुंचा दिया गया है और सूखे की अवधि में इतना स्टाक लगातार बरकरार रखा जायेगा. जिससे किसी भी आकस्मिक स्थिति में लोगों को अनाज उपलब्ध कराया जा सके.