राजनीतिक संकट से घिरने के 10 दिनों बाद शुक्रवार को झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया.
नए राज्य के गठन के बाद बीते 12 वर्ष के दौरान यह तीसरा मौका है जब झारखंड में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया है. राष्ट्रपति भवन के सूत्रों ने बताया कि कोलकाता दौरे पर पहुंचे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राज्य में केंद्रीय शासन की घोषणा पर हस्ताक्षर कर दिए.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को झारखंड में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की थी. राज्य में झामुमो के समर्थन वापस लिए जाने के बाद बीजेपी के अर्जुन मुंडा के नेतृत्व वाली सरकार को इस्तीफा देना पड़ा था.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को झारखंड के राज्यपाल सैयद अहमद की रिपोर्ट पर चर्चा की. राज्यपाल ने राज्य में राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा की थी. राज्य में 2009 और 2010 में भी राष्ट्रपति शासन लगा था. बीते आठ जनवरी को सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक झामुमो ने राज्यपाल को समर्थन वापसी की चिट्ठी सौंप दी थी जिससे 28 महीने पुरानी अर्जुन मुंडा सरकार अल्पमत में आ गई थी. मुंडा ने इसके अगले दिन इस्तीफा दे दिया और विधानसभा को भंग करने की मांग की.
गौरतलब है कि कुल 82 सदस्यों वाली विधानसभा में बीजेपी और झामुमो के पास 18-18 सदस्य हैं. इसके अलावा कांग्रेस के 13, झामुमो (प्रजातांत्रिक) के 11 सदस्य हैं.