झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को आय से अधिक संपत्ति के मामले में पश्चिमी सिंहभूम जिले से सोमवार को सतर्कता ब्यूरो ने गिरफ्तार किया. इससे पहले वह कथित हवाला घोटाले में विभिन्न एजेंसियों के समन की लगातार अवहेलना कर रहे थे.
पुलिस महानिरीक्षक (सतर्कता) एम वी राव ने कहा, ‘‘उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है और रांची लाया जा रहा है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम उस स्थिति में पहुंच गए हैं जहां उनकी गिरफ्तारी आवश्यक थी. हमने सक्षम अदालत से गिरफ्तारी वारंट हासिल किया है.’’ आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि पुलिस ने 38 वर्षीय कोड़ा को उनके डुमरी स्थित आवास से गिरफ्तार किया. इसके कुछ देर बाद ही वह सरायकेला में एक चुनावी सभा को संबोधित करने वाले थे.
गिरफ्तारी से पहले निर्दलीय विधायक ने 27 नवंबर को सतर्कता ब्यूरो के समक्ष उपस्थित होने के समन की अवहेलना की थी जिसके बाद ब्यूरो ने आय से अधिक संपत्ति मामले में चार दिसंबर के लिए समन जारी किया. कोड़ा ने प्रवर्तन निदेशालय के तीन, आयकर विभाग के एक एवं सतर्कता ब्यूरो के एक समन की अवहेलना की. सतर्कता विभाग कोड़ा के आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच कर रहा है और प्रवर्तन निदेशालय एवं आयकर विभाग हवाला लेन देन एवं अवैध विनिवेश के मामले की जांच कर रहा है जिसमें कथित तौर पर वह एवं उनके सहयोगी शामिल हैं.
कोड़ा ने प्रवर्तन निदेशालय को पत्र लिखकर बताया था कि वह उनके समक्ष उपस्थित नहीं हो सकते क्योंकि उनके पास कुछ जरूरी दस्तावेज नहीं हैं जिन्हें उनके समक्ष पेश करना है. साथ ही वह चुनाव की प्रक्रिया में व्यस्त हैं. कोड़ा ने इसी तरह राज्य सतर्कता ब्यूरो को पत्र लिखा कि 18 दिसंबर को राज्य विधानसभा की चुनावी प्रक्रिया समाप्त होने के बाद ही वह उपस्थित होंगे.
प्रवर्तन निदेशालय के सहयोग से आयकर विभाग ने 31 अक्टूबर को दावा किया था कि उसके पास कोड़ा एवं उनके सहयोगियों के खिलाफ दो हजार करोड़ रुपये के हवाला लेन देन एवं अवैध निवेश का ‘‘पक्का सबूत’’ है. कोड़ा के निकट सहयोगी बिनोद सिन्हा और संजय चौधरी फरार हैं और प्रवर्तन विभाग एवं आयकर विभाग ने दोनों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर रखा है. प्रवर्तन निदेशालय ने सिन्हा के भाई विकास को गिरफ्तार किया था जो फिलहाल न्यायिक हिरासत में है. प्रवर्तन निदेशालय ने 10 अक्टूबर को कोड़ा के खिलाफ मामला दर्ज किया था.