झारखंड में स्वामी अग्निवेश पर हुए हमले के बाद वामपंथी दल सीपीएम ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सीपीएम की पोलित ब्यूरो ने बुधवार को बैठक के बाद बयान जारी करते हुए मोदी सरकार से संसद के मॉनसून सत्र में ही मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं के खिलाफ सख्त कानून बनाकर उसे लागू करने की मांग की है. सीपीएम ने बयान जारी करके कहा है कि मोदी सरकार इसी सत्र में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए तत्काल प्रभाव से कानून बनाए.
स्वामी अग्निवेश पर हुए हमले की कड़ी निंदा करते हुए सीपीएम ने झारखंड की बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा है कि अपराधियों के खिलाफ झारखंड सरकार नरमी बरत रही है. क्योंकि अग्निवेश पर हमला करने वाले भारतीय जनता युवा मोर्चा के सदस्य हैं और झारखंड में बीजेपी की सरकार है. वामपंथी दल ने स्वामी अग्निवेश के लिए पर्याप्त मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराए जाने के साथ- साथ अपराधियों को कड़ी सजा दिए जाने की मांग की है.
पोलित ब्यूरो द्वारा जारी किए गए अपने बयान में सीपीएम ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा मॉब लिंचिंग के खिलाफ लगातार सख्त रुख अपनाने के बावजूद भी अग्निवेश के साथ यह हिंसा हुई है. कम्युनिस्ट पार्टी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का मॉब लिंचिंग पर नजरिया प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र में बीजेपी सरकार को आइना दिखा रहा है, जिसके संरक्षण में एक निजी आर्मी की तरह मॉब लिंचिंग की घटनाएं अंजाम दी जा रही हैं.
सीपीएम ने बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर हमला करते हुए बयान में लिखा है कि ऐसे अपराधी इसलिए सजा से बच जाते हैं क्योंकि उन्हें बीजेपी और आरएसएस का संरक्षण प्राप्त है.