5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में आर-पार की जंग जारी है. सोमवार को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, BJP IT सेल के प्रमुख अमित मालवीय, पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा समेत अन्य नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका वाड्रा पर निशाना साधा.
बीजेपी नेताओं ने एक अंग्रेजी अखबार की खबर ट्वीट करते हुए लिखा, "राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा ने फाइनेंशियल टेक्नोलॉजीज (इंडिया) लिमिटेड के जिग्नेश शाह को करीब 4.69 एकड़ की जमीन लीज पर थी, जबकि 2013 की यूपीए सरकार के दौरान उनके खिलाफ जांच चल रही थी.'' अब इसी मुद्दे पर विवाद खड़ा हो गया है.
संबित पात्रा ने भी साधा निशाना
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी इस मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अली बाबा चालीस चोर, मचाए चौकीदार का शोर, राहुल गांधी अली बाबा हैं और उनके इर्दगिर्द चालीस चोर घूम रहे हैं. उन्होंने कहा कि राहुल गाँधी कंठ तक भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं.
राहुल गाँधी कंठ तक भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं : डॉ. @sambitswaraj - लाइव देखें https://t.co/bdtkkM4WEY पर pic.twitter.com/JVcARASnl4
— BJP (@BJP4India) December 10, 2018
कौन है जिग्नेश शाह?
गौरतलब है कि जिग्नेश शाह पर करोड़ों के घोटाले का आरोप है, उनके खिलाफ यूपीए की सरकार से ही जांच चल रही थी. जिग्नेश शाह के खिलाफ करीब 5000 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप है. सीबीआई कई बार जिग्नेश शाह के ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है.
क्या है मामला?
दरअसल, ED ने बीते 29 नवंबर को FTIL से गांधी परिवार से किए गए समझौते के बारे में ब्योरा मांगा है. खबर के अनुसार, जिग्नेश शाह की कंपनी ने दिल्ली के महरौली स्थित फार्म हाउस को 11 महीने तक लीज पर लेने की बात तय हुई थी. इसके तहत इस जमीन के लिए 6.7 लाख रुपये प्रति माह किराया चुकाने की बात हुई थी.
ये एग्रीमेंट 1 फरवरी 2013 को हुआ था. एग्रीमेंट से पहले NSEL पर कई तरह के नियमों के उल्लंघन के आरोप थे. जब NSEL का घोटाला जुलाई 2013 में पब्लिक के सामने आया, तो एग्रीमेंट को खत्म किया गया.
एफटीआईएल ने इसके लिए राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा को ब्याज रहित दो अलग-अलग क्रमश: 40.20 लाख और 20.10 लाख रुपए के चेक दिए थे. इस करार के मुताबिक कंपनी इस फार्म हाउस का उपयोग अपने अतिथियों और अधिकारियों के लिए गेस्ट हाउस के रूप में करना चाहती थी.
कांग्रेस ने दिया जवाब
इन आरोपों के बाद कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला का कहना है कि 1960 के दशक में खरीदी गई यह फार्म हाउस पूर्वजों की संपत्ति है. इसे पिछले कई वर्षों से किराए पर दिया जाता रहा है. इसके बारे में सभी जानकारियां इनकम टैक्स रिटर्न्स में दी गई हैं.