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पठानकोट हमले की जांच के लिए भारत पहुंची पाकिस्तानी जांच टीम

पंजाब के पठानकोट में भारतीय वायुसेना के एयरबेस पर जनवरी में हुए आतंकी हमले की जांच के लिए पाकिस्तान से संयुक्त जांच दल (JIT) रविवार को भारत पहुंच गया है. जांच दल रविवार को 11:30 बजे दिल्ली पहुंचा.

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जांच दल रविवार को 11:30 बजे दिल्ली पहुंचा
जांच दल रविवार को 11:30 बजे दिल्ली पहुंचा

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पंजाब के पठानकोट में भारतीय वायुसेना के एयरबेस पर जनवरी में हुए आतंकी हमले की जांच के लिए पाकिस्तान से संयुक्त जांच दल (JIT) रविवार को भारत पहुंच गया है. जांच दल रविवार को 11:30 बजे दिल्ली पहुंचा.

सुरक्षाबलों से पूछताछ की नहीं होगी इजाजत
पठानकोट आतंकी हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी-NIA कर रही है. एनआईए के सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी JIT को सुरक्षाबलों से पूछताछ की इजाजत नहीं होगी. पाकिस्तानी जांच दल को एयरबेस हमले के गवाहों और चश्मदीदों से पूछताछ करने की इजाजत तो होगी लेकिन सेना, एनएसजी, बीएसएफ जैसे सुरक्षाबलों से वह पूछताछ नहीं कर सकेगी.

एयरबेस में चुनिंदा जगह ही जा सकेंगे
साथ ही जांच दल को पठानकोट एयरबेस के अहम हिस्सों में भी जाने की इजाजत नहीं होगी. जांच टीम एयरबेस के उन चुनिंदा जगहों पर ही जा सकेगी जो हमले की जद में आए थे. एनआईए ने पाकिस्तानी जांच टीम के दौरे के लिए पठानकोट एयरबेस में खास बैरिकेडिंग की है ताकि सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील कोई स्थान बाहरी लोगों की नजर में न आए. इस जांच दल को सीमा पर उन स्थानों तक जाने दिया जाएगा जहां से आतंकियों के घुसपैठ का संदेह है.

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भारतीय दल भेजने की हो सकती है मांग
इसके साथ ही सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भारत भी पाकिस्तान से कह सकता है कि भारतीय जांच दल को पाकिस्तान जाने की इजाजत दी जाए.

सुषमा स्वराज ने किया था ऐलान
नेपाल में सार्क बैठक के दौरान पाकिस्तान के पीएम के विदेश मामलों पर सलाहकार सरताज अजीज के साथ मुलाकात के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने जेआईटी के आने की तारीखों का ऐलान किया था. पाकिस्तान ने कहा था कि वह आतंकवाद से लड़ने के लिए गंभीर है इसलिए भारत ने जेआईटी को आने का मौका दिया है.

जनवरी में हुए थे हमले
2 जनवरी को तड़के पाकिस्तान से आए 6 आतंकियों ने पंजाब के पठानकोट में स्थित एयरफोर्स के बेस को निशाना बनाया था. तीन दिनों तक चले ऑपरेशन में सभी 6 आतंकी मारे गए थे. इस दौरान 7 जवान भी शहीद हो गए थे. भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान में स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर पर संदेह जताया था. पाकिस्तानी सुरक्षाबलों ने जैश के चीफ अजहर मसूद के ठिकानों पर छापेमारी की थी लेकिन कुछ ठोस कार्रवाई सामने नहीं आई थी.

30 दिसंबर को घुसे थे भारत में
भारत द्वारा पाकिस्तान को मुहैया कराई गई जानकारी के मुताबिक आतंकी 30 दिसंबर 2015 को गुरदासपुर से लगी सीमा से भारत में घुसे थे. सभी जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी बताए जाते हैं. बताया जाता है कि आतंकियों को पाकिस्तान के बहावलपुर में ट्रेनिंग मिली और इनके हैंडलर का नाम मोहम्मद अशफाक और हाजी अब्दुल है. सभी 6 आतंकियों को वायुसेना के विमान उड़ाने का टास्क दिया गया था. इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठनों के समूह यूनाइटेड जिहाद काउंसिल ने ली थी. संगठन ने दावा किया था कि उसने कश्मीर के हाईवे स्क्वॉयड के आतंकियों के जरिए एयरबेस पर हमला किया.

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आधुनिक हथियारों से लैस थे आतंकी
आतंकी एके-47, हैण्ड ग्रेनेड, जीपीएस सिस्टम समेत भारी गोला बारूद से लैश थे, लेकिन मुस्तैद सुरक्षा बलों ने उनके हमले को नाकाम कर दिया. आतंकवादी 2 जनवरी को तड़के 3 बजे लैंड क्रूजर और पजेरो गाड़ी से पठानकोट एयरबेस पहुंचे थे.

आतंकियों ने पाकिस्तान किए थे फोन
खुफिया एजेंसियों को पठानकोट हमले के आतंकियों के फोन कॉल डिटेल मिले. इसके मुताबिक, हमले से पहले रात में डेढ़ से पौने दो बजे के बीच आतंकियों ने पाकिस्तान में चार फोन कॉल किए थे. खुफिया एजेंसियों ने ये फोन कॉल ट्रेस किए.

पाकिस्तान के खिलाफ ठोस सबूत
पठानकोट आतंकी हमले में पाकिस्तान का हाथ होने का सबसे बड़ा सबूत जांच एजेंसियों के हाथ लगा था. मामले की जांच कर रही टीम को अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास सिंबल में पाकिस्तान के लेबल वाले फूड पैकेट मिले थे. पाकिस्तानी फूड पैकेट मिलने पर उन्हें एनआईए के हवाले कर दिया गया था, जो जांच के लिए फोरेंसिक लैब (CFSL) भेजे गए. बताया जा रहा है कि फूड पैकेट पर 'मेड इन कराची' लिखा था. इनमें शाही पनीर, चिकेन, दाल फ्राई और लाहौरी छोले समेत कई तरह का खाने का सामान था. इसके अलावा 40 दूध के पैकेट भी बरामद हुए हैं, जिनकी मैन्यूफैक्चरिंग डेट 16 नवंबर 2015 और एक्सपायरी डेट 8 फरवरी 2016 थी.

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