आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को बैन करने के संबंध में संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के अहम प्रयास का चीन ने विरोध किया. चीन इससे पहले भी पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख को प्रतिबंधित करने के प्रयासों का विरोध कर चुका है.
दुनिया मान रही भारत की बात
इस पर तीखी टिप्पणी करते हुए केंद्रीय मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने कहा की दुनिया का एक-एक देश भारत के दृष्टिकोण से सहमत है. यह हमारी सरकार का सदैव आरंभ से लक्ष्य रहा है. हम ये कहते आए हैं कि अच्छे आतंक और बुरे आतंक में कोई फर्क नहीं है. यह अब दुनिया को समझ में आने लगा है और तो और वह देश जो पहले इसको स्वीकार नहीं करते थे संकोच करते थे वह स्वीकार करने लगे हैं.
पाकिस्तान में जन्मा आतंक दुनिया के लिए हानिकारक
चीन का बार-बार पाकिस्तान का साथ देने के सवाल पर जितेंद्र सिंह बोले की ये साफ है कि आतंक को बढ़ावा पाकिस्तान की धरती से दिया जाता है. पाकिस्तान से जन्मा आतंक ना सिर्फ भारत के लिए हानिकारक बल्कि पूरे दुनिया के लिए हानिकारक है. ऐसा पूरी दुनिया स्वीकार कर रही है. जो इस बात को अब भी नहीं मान रहे, उनको भी मजबूर होकर स्वीकार करना पड़ेगा.
पाकिस्तान का साथ देने वाले को भुगतना पड़ेगा खामियाजा
जितेंद्र सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा आतंक की अनदेखी करने वालों को भी नुकसान उठाना पड़ेगा. पाकिस्तान पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि पाक हमेशा स्टेट-एक्टर और नॉन-स्टेट एक्टर की दलील देता है. लेकिन वह दलील भी अब खारिज हो गई है इसमें कोई दम नहीं. जो देश भले वो पाकिस्तान हो या चीन हो अगर वह इस तथ्य को नहीं स्वीकारेंगे तो उनको मजबूर होकर इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.
भारत लंबे समय से पठानकोट आतंकी हमले के मास्टरमाइंड मसूद अजहर को बैन करने की मांग कर रहा है. चीन बार-बार अड़ंगा लगा रहा है. हालांकी पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड को ग्लोबल आतंकवादी घोषित करने को लेकर अमेरिका के इस प्रस्ताव का फ्रांस और ब्रिटेन ने समर्थन किया है. गौरतलब है की पिछले दिनों चीन ने संयुक्त राष्ट्र में मसूद अजहर को बैन करने के प्रस्ताव पर तकनीकी रोक लगाने के बाद दिसंबर में स्थाई रोक लगा दी गई थी. इसके बाद यह मामला तब तक के लिए ठंडे बस्ते में चला गया था, जब तक संयुक्त राष्ट्र में 15 देशों के सदस्यों वाली सुरक्षा परिषद का कोई सदस्य फिर से प्रस्ताव नहीं लाता.