जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जम्मू में हुए दोहरे आतंकी हमलों की निंदा की है. उमर ने कहा कि आतंकियों के हमले का मकसद भारत-पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों की बातचीत प्रभावित करना है.
उमर ने कहा, 'भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों के बीच होने वाली बातचीत को प्रभावित करने के लिए ये हमले किए गए हैं. यह साफ है कि आतंकियों का लक्ष्य भारत-पाक वार्ता को पटरी से उतारना है. इस हमले से वार्ता को लेकर प्रधानमंत्री पर राजनीतिक दबाव बढ़ेगा. प्रधानमंत्री और उनके सलाहकारों को देखना होगा कि किस तरह से इस समस्या का समाधान किया जाए, लेकिन हम शांतिपूर्ण तरीके से हल निकालने के लिए प्रतिबद्ध हैं. अभी तक इस हमले में 12 लोग मर चुके हैं.'
कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा, 'भारत जैसे आतंकवाद से जूझ रहा है, वैसे ही पाकिस्तान और बांग्लादेश भी इससे अछूता नहीं है. ये हमारे पड़ोसी देश हैं. आतंकवाद के खिलाफ सभी देशों को एक होकर लड़ने की जरूरत है.'
दिग्विजय सिंह ने आगे कहा, 'इसका समाधान या तो वार्ता है या जंग. हम जंग भी कर सकते हैं, लेकिन कभी इसके पक्ष में नहीं हैं. लोकतंत्र में वार्ता ही एकमात्र समाधान है. जब एनडीए की सत्ता थी तो कारगिल के बाद अटल बिहारी बाजपेयी पाकिस्तान के साथ शांति वार्ता के पक्ष में थे.'
नरेंद्र मोदी ने भी इन हमलों की निंदा की है. मोदी ने कहा, 'जम्मू और कश्मीर में हुए आतंकी हमलों की मैं कड़ी निंदा करता हूं. इन हमलों में शहीद हुए जवानों, पुलिसवालों और आम नागरिकों के परिवार वालों के साथ मेरी सहानुभूति है.'
वहीं आरपीएन सिंह ने कहा, 'दुखद है कि बीजेपी पाकिस्तान के साथ वार्ता का विरोध कर रही है. वो इतिहास भूल रहे हैं, उन्होंने भी कारगिल के समय वार्ता की थी.'
वहीं बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा. 'प्रधानमंत्री को पाकिस्तान से वार्ता करने की बहुत जल्दी है. जब तक माहौल न सुधरे तब तक पाकिस्तान से कोई बात नहीं होनी चाहिए.'
सीपीआई नेता ने अतुल अंजन ने कहा, 'ये हमले दोनों देशों के लिए खराब हैं. इस तरह से देश पर हमला करना उन्हें बंद करना चाहिए.'
कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा, 'यह बहुत दुखद है और मैं इसका कड़ा विरोध करता हूं. इसमें जो लोग भी शामिल हैं, उन्हें सजा मिलनी चाहिए. किसी को भी दोष देने से पहले हमें सही जानकारी का इंतजार करना चाहिए. मुझे विश्वास है कि सच सामने आएगा. हम ऐसे हमले बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं. हमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के साथ वार्ता नहीं करनी चाहिए.'
बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के साथ वार्ता का विरोध किया है. वहीं बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, 'कांग्रेस, उसकी सरकार जितनी शक्ति राष्ट्रवादियों को निपटाने में लगा रही है, अगर उसकी आधी ताकत आतंकवाद के खात्मे में लगाती तो यह दिन न देखना पड़ता.'