महज पांच साल पढ़ाई कर प्रतिष्ठित पुरस्कार साहित्य अकादमी और ज्ञानपीठ पुरस्कार जीतने वाले तमिल साहित्यकार जयकान्तन का 81 साल की उम्र में निधन हो गया. वे लंबे वक्त से बीमारी से जूझ रहे थे.
जयकान्तन को उनकी लघु कथाओं, निबंधों, निर्देशन और आलोचनाओं के लिए जाना जाता रहा है. जयकान्तन ने 12 साल की उम्र में छोड़कर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी में काम करने लगे. वे पार्टी की पत्रिका जनशक्ति के लिए काम करे थे. जयकान्तन के परिश्रम को ऐसे भी जाना जा सकता है कि वो दिन में प्रेस में काम करते थे और शाम को सड़कों पर पत्रिकाएं बेचते थे.
साल 2002 में उन्हें गहरी और संवेदनशील समझ के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया.