जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में 9 फरवरी को हुए देश विरोधी कार्यक्रम में दोषी पाए गए 21 छात्रों के लिए जेएनयू के दरवाजे फिलहाल बंद हो गए हैं. जेएनयू प्रशासन ने सोमवार को एक नोटिस जारी कर कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बान, सौरभ शर्मा समेत उन सभी दोषी छात्रों को अगले सेमेस्टर के रजिस्ट्रेशन के लिए ब्लॉक कर दिया है जिनका नाम हाई लेवल इंक्वायरी कमिटी की रिपोर्ट में सामने आया था.
हालांकि सभी 21 छात्रों को जेएनयू की हाईलेवल इंक्वायरी कमिटी ने सेमेस्टर से बर्खास्त नहीं किया था, लेकिन इस नए आदेश के बाद अब वो छात्र भी जेएनयू के मानसून सेमेस्टर में रजिट्रेशन नहीं करा पा रहे हैं, जिन पर हाईलेवल इंक्वायरी कमिटी ने सिर्फ जुर्माना लगाया था.
सभी विभागों को रजिस्ट्रार ने भेजा नोटिस
जेएनयू कांड में दोषी पाए गए 21 छात्रों में से 12 छात्र ऐसे हैं जिन पर हाईलेवल इंक्वायरी कमिटी ने 20 हजार रुपये का जुर्माना तो वहीं, जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार और ज्वाइंट सेक्रेटरी सौरभ शर्मा पर 10 हजार का जुर्माना ठोंका था, लेकिन सोमवार शाम जारी नए नोटिस के बाद अब ये छात्र भी अगले सेमेस्टर के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं करा सकते. सजा के ऐलान की लिस्ट की फोटोकॉपी पर जेएनयू रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार का लिखित नोटिस देर शाम सभी विभागों और सेंटर्स को भेजा गया जिसमें सभी 21 छात्रों को अगले आदेश तक रजिस्ट्रेशन से बाध्य रखने को कहा गया है.
नहीं करा पाए रजिस्ट्रेशन
जेएनयू छात्रसंघ के ज्वाइंट सेक्रेटरी सौरभ शर्मा ने 'आज तक' को बताया कि वो अगले सेमेस्टर में रजिस्ट्रेशन कराने अपने विभाग पहुंचे थे, लेकिन नए आदेश की वजह से वो अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाए. सौरभ शर्मा ने जेएनयू वीसी से मांग की है कि अपीलीय कमिटी में सभी छात्रों को सुनने के बाद वाइस चांसलर जल्द से जल्द फैसला सुनाए. ताकि दोषी छात्रों की वजह से दूसरे छात्रों को रजिस्ट्रेशन से वंचित ना होना पड़े.
हाईकोर्ट ने सजा पर लगाई थी रोक
दरअसल जेएनयू विवाद की जांच के लिए बनी कमिटी ने अनिर्बान भट्टाचार्य को 15 जुलाई तक रस्टिकेट किया था और 23 जुलाई 2016 से पांच साल के लिए ऑउट ऑफ कैंपस कर दिया था. वहीं उमर खालिद को मानसून सेमेस्टर से रस्टिकेट करते हुए 20 हजार का जुर्माना लगाया था. मुजीब गट्टू को जेएनयू प्रशासन ने 2 सेमेस्टर के लिए रस्टिकेट किया है. जांच कमिटी के फैसले नाराज छात्रों ने करीब 16 दिनों तक भूख हड़ताल भी की थी. जेएनयू के इस फैसले के खिलाफ उमर खालिद और अनिर्बान ने मई के महीने में कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हाईकोर्ट ने 27 मई को जेएनयू की जांच कमिटी के सजा के फैसले पर रोक लगाते हुए छात्रों को वीसी से एक बार और अपील करने का मौका दिया था. जेएनयू वीसी ने अपीलीय कमिटी बनाकर महीने भर पहले सभी छात्रों को उनका पक्ष रखने का मौका दिया था. लेकिन अभी तक जेएनयू के अपीलीय कमिटी का कोई अंतिम फैसला नहीं आया है.