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आजतक IMPACT: JNU प्रशासन ने दिया विवादित पोस्टर हटाने का आदेश

पोस्टर में कश्मीर और फिलीस्तीन की आजादी की पैरवी की गई थी. साथ ही 'आत्मनिर्णय का अधिकार जिंदाबाद!' लिखा गया था. इसे वामपंथी छात्र संगठन डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स यूनियन (डीएसयू) के नाम पर चिपकाया गया था. छात्रों के मुताबिक पोस्टर 3-4 दिन से लगा हुआ था और डीएसयू सत्र की शुरुआत में इस तरह के पोस्टर पहले भी लगाता आया है.

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जेएनयू में लगा विवादित पोस्टर
जेएनयू में लगा विवादित पोस्टर

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दिल्ली के कैंपस राष्ट्रवाद पर राजनीति का अखाड़ा बने हैं. ऐसे में जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (जेएनयू) प्रशासन ने कैंपस में लगे एक विवादित पोस्टर को हटाने का आदेश दिया है. गुरुवार को कुछ छात्रों की नजर सोशल साइंस के नए ब्लॉक के बाहर लगे इस पोस्टर पर पड़ी थी. इसके बाद प्रशासन तक बात पहुंचाई गई थी. आजतक ने सबसे पहले ये खबर आप तक पहुंचाई थी.

कश्मीर की आजादी की पैरवी
पोस्टर में कश्मीर और फिलीस्तीन की आजादी की पैरवी की गई थी. साथ ही 'आत्मनिर्णय का अधिकार जिंदाबाद!' लिखा गया था. इसे वामपंथी छात्र संगठन डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स यूनियन (डीएसयू) के नाम पर चिपकाया गया था. छात्रों के मुताबिक पोस्टर 3-4 दिन से लगा हुआ था और डीएसयू सत्र की शुरुआत में इस तरह के पोस्टर पहले भी लगाता आया है.

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विवादों में रहा है डीएसयू
पिछले साल जेएनयू में देशविरोधी नारेबाजी का आरोप झेलने वाले उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य पहले डीएसयू के सदस्य थे. 9 फरवरी 2016 को अफजल गुरू और मकबूल भट्ट की याद में जिस कार्यक्रम को लेकर विवाद हुआ था, उसे इन दोनों ने ही आयोजित किया था. कन्हैया कुमार के साथ उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य भी फिलहाल जमानत पर हैं.

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