जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार के खिलाफ कार्रवाई करने की अर्जी दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को ठुकरा दी. कोर्ट ने अर्जी दाखिल करने वाले देवदत्त शर्मा को फटकार भी लगाई. अर्जी में कहा गया था कि देशद्रोह के आरोप में सशर्त अंतरिम जमानत पाने के बाद सेना के विरोध में भाषण करने के लिए कन्हैया के खिलाफ कार्रवाई की जाए.
कानून व्यवस्था की आप अकेले चिंता न करें
हाई कोर्ट में जस्टिस प्रतिभा रानी की बेंच ने शर्मा से इस मामले में कोई भी निर्देश देने से इनकार कर दिया. जस्टिस प्रतिभा ने कहा कि अगर कोई देश विरोधी नारा लगाया जाता है, तो इससे निपटने के लिए कानून व्यवस्था है. उन्होंने कहा कि आपको कानून व्यवस्था के बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. आप अकेले देश की छवि की ज्यादा चिंता न करें.
कोर्ट ने अर्जी दाखिल करने वाले को डांटा
कोर्ट ने अर्जी दाखिल करने वाले से कहा कि आपने कन्हैया के खिलाफ राजद्रोह के अपराध को लेकर कार्रवाई करने और इस मामले को आगे की जांच के लिए खुफिया ब्यूरो के पास भेजे जाने का निर्देश जारी करने की मांग की है. आप किस हैसियत से ऐसी मांग कर रहे हैं. कोर्ट ने उनसे हाजिर होने को भी कहा ताकि उन्हें पता चले कि ऐसी अर्जी दायर करने का क्या जुर्माना लग सकता है.
वकील की मांग पर खारिज हुई अर्जी
इसके बाद देवदत्त शर्मा के वकील सुग्रीव दुबे ने अर्जी वापस लेने की इच्छा जताई. उनकी बात पर कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दिया. अर्जी में आरोप लगाया गया था कि न्यायायिक हिरासत से बाहर आने के बाद कन्हैया फिर से देश विरोधी नारे लगा रहे हैं. अपने भाषण में कन्हैया ने 100 से ज्यादा बार 'आजादी' शब्द का इस्तेमाल किया है.