जेएनयू में राष्ट्रविरोधी नारों के बाद सड़क से लेकर संसद तक संग्राम जारी है. राजनीतिक गलियारों में हलचल बनी हुई है. लेकिन इन सबके बीच सियाचिन में छह दिन तक बर्फ में जिंदा रहने वाले जांबाज सैनिक लांस नायक हनुमनथप्पा की पत्नी महादेवी ने युवाओं से देश विरोधी गतिविधियों में शामिल न होने की अपील की है.
उन्होंने कहा कि देश के खिलाफ बयानबाजी कर शहीदों की शहादत का अपमान तो मत करो. उन्होंने ये भी कहा कि 'भारत माता हैं, तो हम हैं.' महादेवी ने कहा कि मेरा बेटा तो नहीं है लेकिन अपनी बेटी को मैं बेटे की तरह बड़ा करूंगी और सेना में भेजूंगी.
वहीं दूसरी तरफ जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के एक पूर्व प्रफेसर चमनलाल ने भारत सरकार से मिला पुरस्कार वापस लौटा दिया है. प्रोफेसर चमन लाल ने सरकार के सामने विरोध जताने के लिए ये कदम उठाया है. बताया जा रहा है कि वे जेएनयू विवाद से निपटने के सरकार के तरीके से नाखुश हैं. उन्होंने सरकार पर जेएनयू को बदनाम करने का भी आरोप लगाया है.