दिल्ली पुलिस जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और उमर खालिद तथा अनिर्बान भट्टाचार्य समेत अन्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ राजद्रोह मामले में आरोप पत्र को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है. पुलिस सूत्रों ने यह जानकारी दी.
कुमार, खालिद और भट्टाचार्य को संसद हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के खिलाफ जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में कथित तौर पर एक कार्यक्रम आयोजित करने के लिए राजद्रोह के आरोपों पर 2016 में गिरफ्तार किया गया था. इन गिरफ्तारियों पर काफी विवाद पैदा हुआ था. विपक्ष ने यह कहते हुए पुलिस की आलोचना की थी कि वह 'सत्तारूढ़ भाजपा की तरफ से काम कर रही है.'
एक पुलिस अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर बताया, 'आरोप पत्र को अंतिम रूप दिया जा रहा है और इसे जल्द ही दाखिल कर दिया जाएगा. आरोप पत्र में आठ कश्मीरी छात्रों के नाम भी शामिल हैं.' इस विवादास्पद कार्यक्रम को लेकर तब आक्रोश पैदा हो गया था जब आरोप लगाए गए थे कि कार्यक्रम में देश विरोधी नारे लगाए गए.
गिरफ्तारी के बाद कन्हैया कुमार सुर्खियों में आ गए थे और इसके बाद देशभर में प्रदर्शन हुए थे. कार्यक्रम की एक फुटेज प्रमाणिक पाई गई थी जिसके बाद पिछले साल विशेष शाखा के अधिकारियों ने कुछ छात्रों से पूछताछ की थी.
खालिद के करीबी सूत्रों ने बताया कि उन्हें मीडिया में आई खबरों के जरिए आरोपपत्र के मसौदे के बारे में पता चला और यह पता चला कि उसे अगले सप्ताह या उसके बाद अंतिम रूप दिया जा सकता है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक वाम कार्यकर्ता और छात्र नेता शेहला राशिद ने कहा कि यह भाजपा का 'भूला हुआ ट्रंप कार्ड' है. उन्होंने कहा, 'जब भाजपा राष्ट्र विरोधी कार्ड खेलती है तो वह असम, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में चुनाव जीतती है. अब राज्य विधानसभा चुनावों में हार का सामना करने के बाद भाजपा 2019 के लिए भूल बिसरे ट्रंप कार्ड निकाल रही है क्योंकि किसानों के मुद्दे, अर्थव्यवस्था पर वह जीरो है.
(PTI के इनपुट के साथ)