जेएनयू विवाद से सुर्खियों में आए उमर खालिद ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर में हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने को लेकर जहर उगला है. उसने कहा कि बुरहान मौत से नहीं डरता था बल्कि कैदियों वाली जिंदगी से उसे नफरत थी.
इतना ही नहीं, खालिद ने बुरहान को क्रांतिकारी बताते हुए उसकी तुलना चे ग्वेरा से कर डाली.
विरोध के बाद डिलीट किया पोस्ट
हालांकि सोशल मीडिया पर इसके खिलाफ शुरू हुए विरोध के बाद उमर खालिद पोस्ट डिलीट कर दिया और बाद में एक पोस्ट डाला, जिसमें उसने कहा कि वो भी और लोगों की तरह कायर बन जाएगा और बुरहान को आतंकवादी बताएगा.
ट्रोल करने वालों पर साधा निशाना
खालिद ने लिखा, 'ट्रॉलरों की सेना, मैं अपनी हार स्वीकार करता हूं. जाहिर सी बात है कि मैं अकेला सैकड़ों लोगों को कैसे संभाल सकता हूं, जो मिलकर मुझे ट्रॉल कर रहे हों. हां मैं गलत हूं, उसकी मौत पर मुझे आपके साथ खुशी मनानी चाहिए थी. देशद्रोह, आतंकवादी, लड़ाका...मुझे भी आपके सुर में सुर मिलाना चाहिए था.'
घाटी की समस्या उठाई
उमर ने कहा कि वो जम्मू-कश्मीर में लोगों पर हो रहे तरह-तरह के अत्याचारों को सेलिब्रेट करेगा. उसने लिखा, 'मुझे माफ करना, मैं आपसे माफी मांगता हूं. कल से मैं भी हत्या, रेप, प्रताड़ना, गुमशुदगी, अफस्पा और बाकी सबको सेलिब्रेट करूंगा. सिर्फ बुरहान वानी की ही क्यों, मैं समीर राह की हत्या को भी सही ठहराऊंगा, जिस 12 साल के लड़के की 2010 में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. शोपियां में आसिया और निलोफर का कभी रेप नहीं हुआ था, वो सिर्फ पास के एक तालाब में डूब गई थी, जिसमें घुटनों तक पानी था.'
10 लाख का इनामी आतंकी था बुरहान
आपको बता दें कि शुक्रवार को सेना ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए हिजबुल मुजाहिदीन के पोस्टर ब्वॉय और टॉप कमांडर बुरहान वानी और उसके दो साथियों को मारा गिराया था. बुरहान के सिर पर 10 लाख का इनाम था. उसके बाद से घाटी में तनाव की स्थिति बनी हुई और अब तक 18 लोगों की जान जा चुकी है.