नाबालिग से रेप के गंभीर आरोप में जेल में बंद आसाराम के खिलाफ जोधपुर पुलिस ने कोर्ट में बुधवार को चार्जशीट दाखिल कर दी. जोधपुर पुलिस ने जब चार्जशीट दाखिल की उस दौरान आसाराम खुद भी कोर्ट में मौजूद थे.
जोधपुर पुलिस ने आसाराम पर 16 वर्षीय लड़की को गलत तरीके से बंधक बनाने एवं बलात्कार के आरोप लगाये हैं. यौन उत्पीड़न मामले में गिरफ्तारी के दो महीने से ज्यादा समय बाद पुलिस ने आज अदालत में आरोप पत्र दायर किया. जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में दाखिल 1011 पन्नों के आरोपपत्र में 121 दस्तावेज और 58 गवाहों के बयान हैं.
आरोप पत्र दाखिल किये जाते वक्त आसाराम और चार सह आरोपियों शिल्पी, शिवा, प्रकाश तथा शरद चंद्र अदालत में उपस्थित थे. जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार व्यास ने इन सभी की न्यायिक हिरासत की अवधि 16 नवम्बर तक बढ़ा दी. अदालत में 16 नवंबर को इन आरोपों पर बहस शुरू होगी.
आसाराम को जोधपुर पुलिस ने इंदौर में उनके आश्रम से 31 अगस्त की रात गिरफ्तार किया था. मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा गुरुकुल की एक लड़की के अभिभावकों द्वारा आसाराम के खिलाफ बलात्कार की शिकायत दर्ज कराने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में चार अन्य सह आरोपियों को अगले कुछ हफ्तों में हिरासत में लिया गया था.
अभियोजन के वकील प्रद्युम्न सिंह ने कहा कि आसाराम एवं अन्य आरोपियों के खिलाफ भादंसं की धारा 342 (गलत तरीके से बंधक बनाने), 376 (2) (एफ) (नाबालिग से बलात्कार), 376 डी (बलात्कार), 354 ए (महिला का शील भंग करना), 506 (आपराधिक धमकी), 109 (अपराध के लिए उकसाना) के तहत आरोप हैं. इन सभी के खिलाफ किशोर न्याय (बच्चे की देखभाल एवं सुरक्षा) अधिनियम और बच्चों को यौन अपराध से सुरक्षा (पोसको) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत भी आरोप हैं.
नाबालिग लड़की के वकील मनीष व्यास के मुताबिक आरोपों के लिये न्यूनतम दस वर्ष की कैद और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है.