संसद के उच्च सदन राज्यसभा में मोदी सरकार को तगड़ा झटका लगा है. पीएम मोदी की अपील के बावजूद विपक्ष ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपना संशोधन प्रस्ताव वापस नहीं लिया और उसे पारित करा लिया. राज्यसभा में मोदी सरकार बहुमत में नहीं है और ऐसे में विपक्ष ने सरकार की बात नहीं मानकर अपना प्रस्ताव बरकरार रखा.
कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने राज्यसभा में ये प्रस्ताव रखा. इस संशोधन प्रस्ताव में कहा गया है कि सरकार ने इस बात की प्रतिबद्धता नहीं जताई है कि सभी स्थानीय निकायों में चुनाव सुनिश्चित कराए जाएंगे. प्रस्ताव में कहा गया है कि कई राज्यों ने स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर अपनी ओर से संशोधन किए हैं जिसके लिए शिक्षा या अन्य आधारों पर लोगों को चुनाव लड़ने से रोका जा रहा है. संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर संशोधन प्रस्ताव लाने की परंपरा आम तौर पर विपक्ष की नहीं रही है लेकिन लगातार दूसरे साल विपक्ष राष्ट्रपति के अभिभाषण पर संशोधन लाई है और उसे पारित करा लिया है.
Amendment says President's address doesnt mention that Govt is committed to securing right of all citizens to contest polls at all levels
— ANI (@ANI_news) March 9, 2016
पीएम मोदी ने विपक्ष पर साधे निशाने
इसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में विपक्ष पर जमकर निशाने साधे. उन्होंने कहा कि जब यूपीए सत्ता में थी तब इतना सोचती तो आज बीजेपी को इतना काम नहीं करना पड़ता. पीएम ने कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के काम की तारीफ की. साथ ही उन्होंने विपक्ष से बिलों को पास करवाने की भी अपील की.
कांग्रेस ने जारी किया था व्हिप
मंगलवार देर रात कांग्रेस ने अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी कर बुधवार को राज्यसभा में मौजूद रहने का निर्देश दिया था. कांग्रेस ने अपने सांसदों को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर पीएम मोदी के भाषण के दौरान सभी सांसद को हाउस में रहने के लिए 3 लाइन का व्हिप जारी किया था. इस वजह से आज इनके सभी सांसद सदन में विपक्ष का संशोधन प्रस्ताव पास करवाने में शामिल रहे.