भारत की यात्रा पर आए जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय बिन अल-हुसैन ने बुधवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच कारोबार, निवेश, सुरक्षा, पयर्टन एवं लोगों से लोगों के बीच सम्पर्क समेत अनेक विषयों पर व्यापक चर्चा हुई.
जॉर्डन के शाह ने भारत-जॉर्डन बिजनेस समिट के दौरान ने कहा कि भारत में निवेश की अपार संभावनाएं हैं और इस यात्रा से भारत-जॉर्डन के द्विपक्षीय रिश्तों को नई दिशा मिलेगी. इस साथ ही जॉर्डन की ओर से भारतीयों के लिए वीजा ऑन अराइवल देने का एलान किया गया है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर कहा कि जार्डन और भारत के बीच ऐतिहासिक संबंध और मजबूत हुए. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शाह अब्दुल्ला से भेंट की. दोनों नेताओं के बीच कारोबार, निवेश, रक्षा एवं प्रतिरक्षा, पर्यटन एवं लोगों से लोगों के बीच सम्पर्क समेत सभी क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत बनाने पर चर्चा हुई है.
Historical links getting stronger! EAM @SushmaSwaraj calls on His Majesty @KingAbdullahII Ibn Al Hussein, King of #Jordan. Good conversation on strengthening ties across all sectors, specially in trade & investment, defence & security, tourism and people-to-people exchanges. pic.twitter.com/PLv7zxBSB6
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) February 28, 2018
गौरतलब है कि जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला (द्वितीय) बिन अल हुसैन तीन दिवसीय भारत यात्रा पर मंगलवार को दिल्ली पहुंचे. यहां उनकी भव्य अगवानी की गयी और एयरपोर्ट पर उनके स्वागत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रोटोकोल तोड़कर खुद पहुंचे थे.
प्रधानमंत्री मोदी और जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला गुरूवार को व्यापक बातचीत करेंगे जिसमें द्विपक्षीय संबंधों का पूरा आयाम होगा. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि बातचीत में फलस्तीन के मुद्दे के साथ ही आतंकवाद, चरमपंथ और उग्रवाद से निपटने के तरीकों पर प्रमुखता से चर्चा हो सकती है.
भारत और जॉर्डन के बीच द्विपक्षीय सहमति के आधार पर कई समझौतों के ज्ञापन पत्रों पर हस्ताक्षर हो सकते हैं. दोनों देशों के बीच स्वास्थ्य, संस्कृति, सीमा शुल्क में परस्पर सहयोग, जनसंचार एवं मीडिया और विरासत स्थलों के बारे में कई समझौते हो सकते हैं. जॉर्डन उर्वरक और फॉस्फेट की आपूर्ति कर भारत के खाद्य सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण योगदान कर सकता है.
करीब तीन सप्ताह पहले ही प्रधानमंत्री ने फलस्तीन समेत पश्चिम एशिया की अपनी यात्रा के तहत जॉर्डन का दौरा किया था.