प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पत्रकारों से कहा कि वो गंदगी फैलाने वाली मक्खियां न बनकर शहद देने वाली और डंक मारने वाली मधुमक्खी की तरह बनें. पूर्वोत्तर अंग्रेजी अखबार 'द असम ट्रिब्यून' के प्लैटिनम जुबली समारोह का उद्घाटन करते हुए मोदी ने कहा कि पत्रकारों को शहद देने वाली मधुमक्खी की तरह होना चाहिए, मगर इसके साथ ही ऐसा डंक भी मारना चाहिए जिसका दूरगामी असर हो. उन्होंने कहा कि पत्रकारों को ऐसी मक्खी नहीं बनना चाहिए, जो सिर्फ गंदगी फैलाती है.
नरेंद्र मोदी ने कहा, 'हमारा समाज जिस तेजी से आगे बढ़ रहा है, ऐसे समाज में मीडिया के सामने कई चुनौतियां हैं. पहले हमें 24 घंटे में एक बार समाचार मिलते थे पर अब हमें एक मिनट में कम से कम 24 खबरें मिलती हैं. चुनौती यह कि लोगों में भरोसा बना रहे.' प्रधानमंत्री ने कहा कि मीडिया के लिए विश्वसनीयता एक बड़ी चुनौती है.
उन्होंने कहा, 'सिर्फ खबरें पढ़ना ही काफी नहीं है बल्कि लोगों को पंक्तियों में छुपे अर्थ को पढ़ना चाहिए जिससे पता चले कि क्या भरोसा किए जाने लायक है.'
मोदी ने कहा, 'क्या हम पहले वो साइनबोर्ड देखते थे जिन पर लिखा होता है, यहां शुद्ध घी मिलता है? पर अब हम ऐसी चीजें देखते हैं. इसी तरह, मीडिया की भी काफी तरक्की हुई है जिसमें अब सच्ची खबर और तेज खबर जैसी बातें देखने को मिलती हैं जिससे खबरों की सच्चाई को लेकर लोग आशंकित होते हैं.'
उन्होंने कहा, 'जब किसी खबर में बार-बार विश्वसनीय सूत्र की बात कही जाती है तो पाठक भी सशंकित हो जाता है कि कुछ गड़बड़ है. लोगों की अपेक्षा होती है कि मीडिया जिस चीज की रिपोर्टिंग कर रहा है, उसकी जिम्मेदारी लेने की ताकत उसमें होनी चाहिए.' प्रधानमंत्री ने कहा, 'किसी समाचार संगठन को शुरू करना काफी आसान है पर विश्वसनीय बने रहना एक चुनौती है.'