राजनाथ सिंह यदि नरेंद्र मोदी सरकार में शामिल होते हैं, तो उस सूरत में बीजेपी के महासचिव जेपी नड्डा पार्टी अध्यक्ष पद की कुर्सी संभाल सकते हैं.
बीजेपी के एक केंद्रीय नेता ने कहा कि नड्डा हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं और मोदी के विश्वासपात्र, पार्टी महासचिव अमित शाह व पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी के नजदीकी माने जाते हैं.
पार्टी के एक सीनियर लीडर ने शिमला में शनिवार को बताया, 'नड्डा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और पार्टी नेतृत्व के लिए उपयुक्त हैं, इसलिए वे सबसे पहली पसंद बन कर उभर रहे हैं.'
उन्होंने कहा, 'नड्डा को चुनावों में उम्मीदवारों की जीत तय करने के लिए अधिक जिम्मेदारी दी गई थी. उन्होंने राज्यभर में गहन दौरे किए.'
जेपी नड्डा के सियासी सफर पर एक नजर...
1978 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के नेता के रूप में राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले नड्डा ने नितिन गडकरी और अमित शाह के साथ पार्टी की युवा इकाई भारतीय युवा मोर्चा के लिए 1991-94 में काम किया है. संसदीय चुनाव में हिमाचल की चारों सीटें पार्टी के नाम करने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
हिमाचल प्रदेश में बीजेपी की पूर्व सरकार (2007-12) में नड्डा को तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के साथ उनके मतभेद की वजह से 2010 में वन मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. उसके बाद गडकरी ने उन्हें अपनी टीम में शामिल कर लिया था. उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया. नड्डा छत्तीसगढ़ के भी प्रभारी हैं.
धूमल ने हालांकि कहा है कि यह हिमाचल प्रदेश के लिए बड़े गर्व की बात होगी अगर नड्डा को बीजेपी का अध्यक्ष बनाया जाता है. उन्होंने हमीरपुर में संवाददताओं से कहा, 'यह हिमाचल जैसे राज्य के लिए सम्मान की बात होगी अगर नड्डा को बीजेपी में शीर्ष पद मिलता है.'