बीजेपी ने वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति गठित करने के सरकार के प्रस्ताव को बुधवार को एक प्रकार से नामंजूर कर दिया और कहा कि यह कदम जांच को विफल करने वाला है क्योंकि मौजूदा लोकसभा का कार्यकाल अगले साल समाप्त हो जाएगा.
वरिष्ठ बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि पार्टी 3600 करोड़ रूपये के अगस्टा-वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे की गंभीर और पूर्ण जांच चाहती है और साथ ही चाहती है कि इस जांच की निगरानी अदालत द्वारा की जाए.
बीजेपी की मांग पर बुधवार को राज्यसभा में इस मुद्दे पर चर्चा करवायी जानी चाहिए. मुद्दे की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति गठित करने के सरकार के प्रस्ताव पर पार्टी के रूख के बारे में पूछे जाने पर सिन्हा ने कहा, ‘मैं नहीं समझता कि इस समय जेपीसी सही है क्योंकि लोकसभा का कार्यकाल साल भर में खत्म हो जाएगा और जैसा कि हम जानते हैं कि जेपीसी अधिक समय लेगी. इसलिए यह जांच को विफल करने का प्रयास है.’
बीजेपी इस बात पर जोर दे रही है कि मुद्दे की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में एक समयबद्ध सीबीआई जांच की जरूरत है. पार्टी ने यह भी मांग की है कि सौदे में कथित रिश्वत हासिल करने वालों के नाम सार्वजनिक किए जाएं.
बीजेपी संसदीय दल की बुधवार सुबह हुई बैठक में मुख्य विपक्षी दल ने बजट सत्र के दौरान सेतुसमुद्रम परियोजना तथा असम में आदिवासियों के खिलाफ हिंसा का मुद्दा उठाने का भी फैसला किया.
लोकसभा में बीजेपी के उपनेता गोपीनाथ मुंडे ने कहा, ‘हम राम सेतु और असम में आदिवासियों के खिलाफ हिंसा का मुद्दा संसद के दोनों सदनों में उठाएंगे. बीजेपी राम सेतु (एडम्स ब्रिज) के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ को बर्दाश्त नहीं करेगी. यदि जरूरत हुई तो हम इस पर आंदोलन करेंगे.’
बीजेपी की मांग है कि सरकार को सेतुसमुद्रम परियोजना छोड़ देनी चाहिए क्योंकि इससे राम सेतु को काटना पड़ेगा.