सीबीआई के जज बीएच लोया की मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है. आज बीएच लोया के बेटे अनुज लोया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि उनके पिता की मौत संदिग्ध नहीं थी. हार्ट अटैक से उनकी मौत हुई थी. उन्होंने कहा कि बीते कुछ दिनों से मेरे परिवार को परेशान किया जा रहा है. हम पहले से ही बेहद दुखी हैं. बीते कुछ दिनों से ये परेशानी और बढ़ गई है. कृपया हमें परेशान न करें.
बेटे ने कहा- हमें किसी पर शक नहीं
अनुज ने कहा कि जिस समय मेरे पिता की मौत हुई थी, मैं 17 साल का था. वह वक्त पूरे परिवार के लिए बेहद तकलीफदेह था. मेरे पिता की मौत संदिग्ध नहीं थी. उनकी मौत हार्ट अटैक से हुई थी. इस मामले की जांच का फैसला हम नहीं करेंगे. हमें किसी पर शक नहीं है.
अनुज के साथ बैठे उनके परिवार के वकील अमित नाइक ने कहा कि जज लोया की मौत पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. इस पर कोई विवाद न करे.
There is no controversy. No need of politicising the issue. This is a tragic event. We do not want to be victims of politicisation of the issue. Let it remain the way it is, non - controversial: Ameet Naik, Lawyer #JusticeLoya pic.twitter.com/p4lKH5XoYi
— ANI (@ANI) January 14, 2018
लातूर में रह रहे दादा को किया जा रहा परेशान
जज लोया के परिवार के पारिवारिक मित्र रिटायर्ड जज केबी काटके ने कहा कि अनुज के दादा लातूर के एक गांव में रहते हैं, जिन्हें सवाल पूछ-पूछकर बार-बार सताया जा रहा है. परिवार में किसी को भी कोई शिकायत नहीं है. लेकिन बार-बार सवाल पूछकर सताया जा रहा है. परिवार को कोई भी शक नहीं है.
चार जजों ने भी किया था जिक्र, राहुल ने भी उठाए थे सवाल
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के चार जजों जस्टिस चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ ने भी जज लोया की मौत पर सवाल खड़े किए थे. बाद में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे पर कहा था, 'सुप्रीम कोर्ट के जजों ने जो सवाल उठाए हैं, वो बेहद जरूरी हैं. इनको ध्यान से देखा जाना चाहिए और इसको सुलझाया जाना चाहिए. जजों ने सीबीआई जज लोया की मौत का मामला उठाया है, जिसकी शीर्ष स्तरीय जांच होनी चाहिए. जो हमारा लीगल सिस्टम है, उस पर हम सब और पूरा हिंदुस्तान भरोसा करता है.'
उद्धव ठाकरे ने जांच की मांग की थी
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी कहा था कि शोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले के सीबीआई जज लोया की मौत के मामले में जांच होनी चाहिए. ठाकरे ने कहा कि अगर कुछ गलत नहीं है तो किसी को भी जांच-पड़ताल से क्या दिक्कत हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने भी जज लोया की मौत को 'गंभीर मुद्दा’ माना है.
बता दें कि जस्टिस लोया की 1 दिसंबर, 2014 को दिल का दौरा पड़ने से नागपुर में मौत हो गई थी. इसके बाद उनकी मौत को लेकर सवाल उठे थे.