CBI स्पेशल जज बृजगोपाल लोया की संदिग्ध मौत मामले की सुनवाई अब भारत के मुख्य न्यायमूर्ति (Chief Justice) दीपक मिश्रा ने खुद करने का फैसला लिया है. इसके साथ ही लोया केस को दूसरी बेेंच में भेजने की आजतक की रिपोर्ट पर मुहर लगा दी. मालूम हो कि सबसे पहले आजतक ने लोया मामलेे की सुनवाई दूसरी बेंच को भेजने की बात कही थी. इस मामले में अब सोमवार को सुनवाई होगी. अभी तक इस केस की सुनवाई न्यायमूर्ति (Justice) अरुण मिश्रा की पीठ कर रही थी.
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के चार न्यायमूर्तियों ने मुख्य न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा के खिलाफ बगावत करते हुए पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इस दौरान इन न्यायमूर्तियों ने खुले तौर पर जज लोया के केस की सुनवाई को लेकर आपत्ति उठाई थी. इन न्यायमूर्तियों की ये भी शिकायत है कि मुख्य न्यायमूर्ति सभी अहम मुकदमें खुद ही सुन लेते हैं यानी मास्टर ऑफ रोस्टर होने का फायदा उठाते हैं.
मुख्य न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की कार्यशैली पर सवाल उठाने वालों में सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति मदन लोकुर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ शामिल रहे. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने इस मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था. साथ ही कहा था कि इसे मामले को सुनवाई के लिए उपयुक्त बेंच के सामने पेश किया जाए. इसके बाद से मामले को हस्तांतरित करने को लेकर तमाम कयास लगाए जा रहे थे.
अब सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा ने लोया केस की सुनवाई खुद करने का फैसला लिया है. सोमवार को उनकी पीठ के समक्ष इस केस को पेश किया जाएगा. इस केस में मुख्य न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की पीठ में अन्य न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और डीवाई चंद्रचूड़ भी शामिल होंगे.
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की पीठ के समक्ष लोया केस को 45 नंबर मुकदमा के रूप में पेश किया जाएगा. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने जज लोया की मौत मामले की सुनवाई के लिए 22 जनवरी की तारीख मुकर्रर की है. इससे पहले आजतक ने लोया मामलेे की सुनवाई दूसरी बेंच को भेजने की बात कही थी. साथ ही महान्यायवादी (Attorney General) केके वेणुगोपाल ने भी आजतक से बातचीत के दौरान लोया केस को दूसरे बेंच में भेजने की तसदीक की थी.