सुप्रीम कोर्ट के जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी की बैठक बुलाई है. शाम पांच बजे राहुल के घर पर ये बैठक होगी. बैठक के लिए कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद, मनीष तिवारी, कपिल सिब्बल, विवेक तन्खा और पी. चिदंबरम राहुल गांधी के आवास पर पहुंचे हैं.
कांग्रेस की बैठक में शामिल होंगे पार्टी नेता और वकीलDelhi: Congress leaders and senior advocates Salman Khurshid, Manish Tewari and P Chidambaram also arrive at Rahul Gandhi's residence. #SupremeCourt pic.twitter.com/6CS3BqJfNJ
— ANI (@ANI) January 12, 2018
इस बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं समेत पार्टी से जुड़े कई वकील भी शामिल होंगे. जानकारी के मुताबिक, इस बैठक के बाद करीब छह बजे इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया आएगी.
कांग्रेस की इस बैठक से पहले पूर्व कानून मंत्री और वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस को काफी दुखद और दर्दनाक बताया है. उन्होंने कहा कि देश की सर्वोच्च अदालत का ये हाल हो गया है कि वहां के जजों को मीडिया में आकर अपनी बात कहनी पड़ रही है.
वहीं, वरिष्ठ वकील और बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि जजों ने बेहद गंभीर मुद्दा उठाया है. स्वामी ने कहा कि मुद्दे को उठाने वाले चारों जज बेहद ईमानदार हैं और उनकी मंशा पर सवाल नहीं उठाया जा सकता. यही नहीं, बीजेपी नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी इस मामले में दखल देने की मांग की.
'जजों का कदम आसाधरण, न्यायपालिका में गहरा संकट'
इधर, सीपीआई नेता डी. राजा ने सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस चेलमेश्वर से मुलाकात की है. मुलाकात के बाद कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) के नेता डी. राजा ने जस्टिस चेलमेश्वर से मुलाकात के बाद कहा कि जजों द्वारा उठाया गया कदम असाधारण है, और यह न्यायपालिका के गहरे संकट को दर्शाता है.
उन्होंने कहा कि जस्टिस चेलमेश्वर के साथ रिश्ता बहुत पुराना है. वे अपनी चिंताएं मेरे साथ बांटते हैं. अगर उनकी कुछ चिंताएं हैं, तो सांसदों को इस मामले पर विचार करके उसका हल ढूंढ़ने की जरूरत है.
न्यायपालिका में केंद्र की दखलअंदाजी खतरनाक: ममता
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सुप्रीम कोर्ट को लेकर हुई जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर दुख जताया है. उन्होंने कहा कि कोर्ट के मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के चार जजों से मिली जानकारी ने देश के एक नागरिक के रूप में हमें निराश किया है. उन्होंने कहा कि न्यायपालिका और मीडिया लोकतंत्र के खंभे हैं. लोकतंत्र के लिए न्यायपालिका में केंद्र सरकार की दखलअंदाजी खतरनाक है.
हालांकि, मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए जजों की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सरकार ने दूरी बनाई हुई है. यही नहीं, ममता बनर्जी और राजनीतिक पार्टी संबंधित वकीलों को छोड़ दें तो कांग्रेस और बीजेपी समेत किसी भी पार्टी के नेता ने अभी तक प्रतिक्रिया नहीं दी है.
जजों ने उठाया सवाल, SC में सब ठीक नहीं
बता दें कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के चार मौजूदा जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सुप्रीम कोर्ट के प्रशासन पर ठीक तरीके से काम न करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो लोकतांत्रिक परिस्थिति ठीक नहीं रहेगी. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ शामिल थे.
यह पहली बार है जब सुप्रीम कोर्ट के जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर न्यायिक व्यवस्था के काम-काज पर सवाल उठाए हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपनी बात को रखते हुए जजों ने कहा कि हमने इस मुद्दे पर चीफ जस्टिस से बात की, लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी. माना जा रहा है कि चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा भी इस मुद्दे पर अपनी बात रख सकते हैं.