राजस्थान सरकार द्वारा जोधपुर के अतिरिक्त जिला कलेक्ट (शहर) और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को मौजूदा पद से हटाने के बाद राजस्थान में रेजिडेंट चिकित्सकों की तीन दिनों से जारी हड़ताल मंगलवार को समाप्त हो गई है. प्रदेश में रेजिडेंट चिकित्सक काम पर लौट आये है.
जोधपुर के अतिरिक्त संभागीय आयुक्त गोबिन्द सिंह चारण ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जोधपुर के मथुरा दास माथुर अस्पताल में शनिवार की रात रेजिडेंट चिकित्सकों और घायल मरीज के परिजनों के बीच हुई मारपीट के बाद पुलिस द्वारा रेजिडेंट चिकित्सकों पर किये लाठीजार्च के विरोध में रेजिडेंट चिकित्सक हड़ताल पर चल गये थे.
जोधपुर के रेजिडेंट चिकित्सकों की हड़ताल के समर्थन में जयपुर बीकानेर, उदयपुर, कोटा और अजमेर मेडिकल कालेज के रेजिडेंट चिकित्सकों के हड़ताल पर चले गये थे. चारण के अनुसार सरकार ने जोधपुर के अतिरिक्त जिला कलेक्टर स्नेह लता पंवार और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह को मौजूदा पद से हटाकर पदस्थापना की प्रतीक्षा में रखने के आदेश जारी होने के बाद जोधपुर के रेजिडेंट चिकित्सक डाक्टर्स की संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉ अजय मालवीय ने हड़ताल वापस लेने की घोषणा की. {mospagebreak}
रेजिडेंट चिकित्सकों की हड़ताल के कारण जाने के कारण प्रदेश में तीन दिन तक चिकित्सक व्यवस्था बूरी तरह से प्रभावित हुई. इस दौरान जयपुर, बीकानेर जोधपुर कोटा और उदयपुर मेडिकल कालेज से सम्बद्ध अस्पतालों में चालीस से अधिक रोगियों की मृत्यु हो गई. अधिकारिक सूत्रों ने रोगियों की मृत्यु का कारण रेजिडेंट चिकित्सकों की हड़ताल को नही मानते हुए नाजुक हालत के कारण मृत्यु होना बताया है.
इधर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रेजीडेंट चिकित्सकों की हड़ताल समाप्त होने पर सन्तोष व्यक्त करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण दौर था, जो गुजर गया. हड़ताल की अवधि में जो कुछ सामने आया, उस पर दुख व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि रोगी और रोगियों के परिजनों की रेजिडेंट डाक्टर्स के साथ बढ़ती अप्रिय घटनाएं हम सबके लिए चिन्ता का विषया है.
गहलोत ने कहा कि रोगी और रोगी के परिजन युवा डाक्टरों पर विश्वास और भरोसा रखे इसके साथ ही उन्होंने चिक्त्सिक समुदाय से अपेक्षा की है कि पीडितों के दर्द को समझते हुए मानवीय आधार पर उनके संवेदन शील व्यवहार करें.