scorecardresearch
 

जस्टिस कर्णन का मेडिकल जांच से इनकार, बोले- ठीक है मेरा दिमाग

जस्टिस कर्णन अवमानना के एक मामले का सामना कर रहे हैं और इस मामले में उनका रूख सुप्रीम कोर्ट के साथ टकराव का है.

Advertisement
X
जस्टिस कर्णन
जस्टिस कर्णन

Advertisement

कलकत्ता हाईकोर्ट के जज सीएस कर्णन ने मानसिक स्वास्थ्य जांच कराने से गुरुवार को इंकार कर दिया. उन्होंने डाक्टरों की एक टीम से कहा कि वह पूरी तरह से सामान्य हैं और उनका दिमाग स्थिर है.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस कर्णन की मानसिक स्वास्थ्य जांच कराने का आदेश दिया था. जस्टिस कर्णन अवमानना के एक मामले का सामना कर रहे हैं और इस मामले में उनका रूख सुप्रीम कोर्ट के साथ टकराव का है.

पूरी तरह मामान्य और स्थिर है दिमाग
उन्होंने चिकित्सकों से कहा कि किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य की जांच कराने के लिए अभिभावक की सहमति लेनी होती है और यहां कोलकाता में उनका अपना कोई परिजन नहीं है. राजकीय मानसिक आरोग्यशाला कलकत्ता पावलोव अस्पताल की चार सदस्यीय टीम कोर्ट के आदेश को लागू करने के लिए जस्टिस के आवास पर गई. लेकिन वहां करीब दो घंटों तक रहने के बाद टीम को लौटना पड़ा. टीम के साथ 20 पुलिसकर्मी भी थे.

Advertisement

एक मई को सुप्रीम कोर्ट ने चिकित्सकों के एक दल से जस्टिस कर्णन की चिकित्सा जांच कराने का आदेश दिया था. जस्टिस कर्णन ने मेडिकल जांच से इंकार करने के बाद चिकित्सकों को लिखित में दिया, चूंकि मैं पूरी तरह से सामान्य हूं और मेरा दिमाग स्थिर है, मैं चिकित्सा उपचार का लाभ लेने से इंकार करता हूं.

'सुप्रीम कोर्ट का आदेश दलित जज का अपमान'
उन्होंने पावलोव अस्पताल के मेडिकल बोर्ड के अध्यक्ष को संबोधित पत्र में लिखा, आगे, ये मेरी पक्की राय है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश एक दलित जज (खुद) के लिए अपमान और उत्पीड़न के समान है. कर्णन उनके पास कोई अभिभावक मौजूद नहीं होने का भी मुद्दा उठाया.

कर्णन ने कहा, 'मेरे परिजन यहां नहीं हैं, ऐसे में उनकी कोई सहमति भी नहीं है. इसलिए ऐसी कोई मेडिकल जांच नहीं हो सकती. उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी और एक पुत्र चेन्नई में हैं वहीं दूसरा पुत्र फ्रांस में काम कर रहा है. उनकी पत्नी प्रोफेसर हैं जबकि दोनों पुत्र इंजीनियर हैं.'

प्रधान न्यायाधीश जे एस खेहर की अध्यक्षता में सात सदस्यीय पीठ ने एक मई को पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक को पुलिस अधिकारियों की एक टीम गठित करने का निर्देश दिया था जो न्यायाधीश की चिकित्सा जांच में मेडिकल बोर्ड की मदद कर सके. जस्टिस कर्णन की मेडिकल रिपोर्ट आठ मई को या उसके पहले सौंपी जानी है. उसके एक दिन बाद कोर्ट अवमानना याचिका पर विचार करेगा.

Advertisement

अवमानना कार्यवाही बंद करे कोर्टः कर्णन
पावलोव अस्पताल के अधीक्षक डॉ. गणेश प्रसाद डाक्टरों की टीम का नेतृत्व कर रहे थे. पुलिस अधिकारियों के साथ यह टीम सुबह कोलकाता के न्यू टाउन स्थित जज के निवास पर गई. टीम करीब दो घंटे तक उनके आवास पर रही. जस्टिस कर्णन ने अपने पत्र में कहा, 'मैं सात न्यायाधीशों से अवमानना कार्यवाही बंद करने और मेरे न्यायिक एवं प्रशासनिक कार्य बहाल करने का आग्रह करता हूं ताकि अदालतों की गरिमा और प्रतिष्ठा कायम रहे.

Advertisement
Advertisement