कांग्रेस ने हरियाणा सरकार पर रॉबर्ट वाड्रा के गुड़गांव लैंड डील केस की जांच कर रहे जस्टिस एसएन ढींगरा को 'रिश्वत' देने का सनसनीखेज आरोप लगाया है. पार्टी प्रवक्ता आरएस सुरजेवाला का कहना है कि मनोहर लाल खट्टर सरकार ने मन-मुताबिक रिपोर्ट तैयार करवाने के लिए रिटायर्ड जस्टिस ढींगरा की ट्रस्ट को फायदा पहुंचाया गया. कांग्रेस ने ढींगरा के इस्तीफे की मांग की है.
सुरजेवाला ने कहा, 'जस्टिस ढींगरा ने हरियाणा सरकार से अनुचित एहसान लिए. ऐसे में एक आदमी निष्पक्ष होकर कैसे काम कर सकता है? इसकी जांच होनी चाहिए कि कैसे सरकार ने उपहार स्वरूप जमीन भेंट की. जस्टिस ढींगरा ने अपने पद से समझौता किया है और उन्हें इस्तीफा देना चाहिए.'
फिर से तैयार हो रही है रिपोर्ट!
कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे कहा कि रिपोर्ट से साफ जाहिर है कि पहले सरकार के शीर्ष पदस्थ ने इसे ठुकरा दिया, जिसके बाद जस्टिस ढींगरा से दूसरी रिपोर्ट तैयार करवाई जा रही है. जस्टिस ढींगरा का पॉलिटिकल टूल की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है. बीजेपी उनका वेदांता के लिए इस्तेमाल कर रही है.
You ask Hooda ji if he is scared: Justice Dhingra when asked why allegations are being made against him pic.twitter.com/JfsO6YaNnW
— ANI (@ANI_news) July 1, 2016
इस बीच जस्टिस ढींगरा ने प्रतिक्रिया दी है कि उन्हें जांच के लिए कुछ और समय लेने में कोई डर नहीं है. उन्होंने कहा कि यह तो पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा से पूछा जाना चाहिए कि कहीं वह डरे हुए तो नहीं हैं.
You ask Hooda ji if he is scared: Justice Dhingra when asked why allegations are being made against him pic.twitter.com/JfsO6YaNnW
— ANI (@ANI_news) July 1, 2016
गौरतलब है कि ढींगरा बीजेपी सरकार द्वारा मई 2014 को गठित उस समिति के अध्यक्ष हैं, जिसे वॉड्रा की स्काइलाइट हॉस्पिटेलिटी समेत अन्य निजी फर्मों को कमर्शियल लाइसेंस देने की जांच करने के लिए गठित किया गया था. ढींगरा एक ट्रस्ट के चेयरमैन हैं. आरोप है कि ट्रस्ट के एक स्कूल तक बीजेपी सरकार द्वारा सड़क बनाने का फैसला सिर्फ उनको फेवर करने के लिए लिया गया. यह स्कूल गुड़गांव के एक गांव में स्थित है.
सीएम खट्टर को ढींगरा ने किया ईमेल
वाड्रा मामले में जस्टिस ढींगरा (रिटायर्ड) को अपनी रिपोर्ट गुरुवार को सौंपनी थी, लेकिन उन्होंने छह और हफ्तों का समय मांगा है. ढींगरा ने राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को ईमेल के जरिए बताया कि उन्हें गुरुवार को कुछ और दस्तावेज मिले हैं और उन्हें उनकी गहराई से जांच करने के लिए वक्त चाहिए. दूसरी ओर, कांग्रेस ने कहा कि चूंकि यह पैनल अपनी विश्वसनीयता खो चुका है इसलिए इसे भंग कर दिया जाना चाहिए.
किरीट सोमैया ने किया पलटवार
दूसरी ओर, बीजेपी सांसद किरीट सोमैया ने कांग्रेस के आरोपों के जवाब में रॉबर्ट वाड्रा पर फिर से जमीन घोटाले को लेकर आरोप लगाए. उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि वाड्रा ने गुड़गांव में 1 लाख में ही 58 करोड़ की संपत्ति अर्जित की.' सोमैया ने इसके साथ ही कई दस्तावेज भी ट्विटर पर जारी किए हैं.
#RobertVadra ki Kamal-Gurgaon Sweet Deal-Made ₹58 crore against ₹1 lac-I request ED, Justice Dhingra, CM to inquire pic.twitter.com/LReGvALbrR
— Kirit Somaiya (@KiritSomaiya) July 1, 2016
ढींगरा ने 2015 में डिप्टी कमिश्नर को लिखी थी चिट्ठी
कांग्रेस जिस स्कूल को लेकर कांग्रेस हमलावर हो रही है वह गुड़गांव के जौरी खुर्द इलाके में है. यहां एक ग्रामीण ने 2235 गज जमीन पिछले साल नवंबर में जस्टिस गोपाल सिंह पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट को दान दी थी. कांग्रेस का आरोप है कि ढींगरा के 8 दिसंबर 2015 को गुड़गांव के डिप्टी कमिश्नर को पत्र लिखने के बाद उस सड़क को बनाने के लिए 95 लाख रुपये मंजूर किए जा चुके हैं.
'चिट्ठी के फौरन बाद जारी किया गया आधा पैसा'
कांग्रेस का कहना है कि इसके लिए सरकार की ओर से आधा पैसा तुरंत जारी कर दिया गया था. पार्टी ने यह मुद्दा ढींगरा के उस बयान कि उसने लैंड डील्स की जांच पूरी कर ली है के ठीक बाद उठाया है. बताया जाता है कि पूर्व जज ने गुड़गांव के डीसी को पत्र लिखकर बताया था कि सड़क बनने से छह साल से कम उम्र के बच्चों को कैसे फायदा होगा. उन्होंने चिट्ठी में बताया था कि ट्रस्ट को हरीश चक्रवर्ती से थोड़ा बहुत निर्मित 2235 गज का प्लॉट दान में मिला है. इस पर आसपास के गांव के बच्चों के लिए एक स्कूल शुरू करने की योजना है. ट्रस्ट ने 2016 से स्कूल सेशन शुरू करने की योजना बनाई थी.
ढींगरा ने डिप्टी कमिश्नर से अनुरोध किया था कि प्लॉट तक जाने वाले कच्चे रास्ते को पक्के रास्ते में बदल दिया जाए. बाद में हरियाणा रूरल डवलपमेंट फंड एडमिनिस्ट्रेशन बोर्ड ने सड़क बनाने के लिए फंड जारी कर दिया. अब कांग्रेस की मांग है कि ढींगरा को खुद को जांच से अलग कर लेना चाहिए.
रिपोर्ट से पहले छलका वाड्रा का दर्द
इससे पहले गुरुवार सुबह फेसबुक पर रॉबर्ट वाड्रा का भी दर्द छलक पड़ा. उन्होंने लिखा कि वह यह जानते हैं कि उनका राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल होता रहा है और आगे भी होगा. वाड्रा ने लिखा, 'बीते एक दशक से मुझ पर आरोप लगाए जा रहे हैं, जो बेबुनियाद हैं.'