प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 7वें वेतन आयोग के अध्यक्ष एवं अन्य पदाधिकारियों के नामों को मंजूरी दे दी है. यह आयोग केंद्र सरकार के 50 लाख से ज्यादा कर्मचारियों के वेतनमानों और 30 लाख पेंशनभोगियों को मिलने वाली राशि में संशोधन की सिफारिश करेगा.
वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा, ‘प्रधानमंत्री ने 7वें केंद्रीय वेतन आयोग के लिए नामों को मंजूरी दे दी.’ सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश आशोक कुमार माथुर को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है. पेट्रोलियम सचिव विवेक राय इस आयोग के पूर्णकालिक सदस्य बनाए गए हैं.
रथिन राय (निदेशक नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पालिसी) आयोग के अंशकालिक सदस्य होंगे तथा मीना अग्रवाल (व्यय विभाग की विशेष कार्य अधिकारी) इसकी सचिव होंगी. सितंबर 2013 में प्रधानमंत्री ने 7वें वेतन आयोग के गठन की मंजूरी दी थी. आयोग को दो साल में रिपोर्ट सौंपने का जिम्मा दिया गया है और इसकी सिफारिशें एक जनवरी 2016 से लागू होंगी.
इस आयोग का गठन आम चुनाव से पहले किया गया है, जिसकी सिफारिशों से रक्षा और रेल विभाग समेत केंद्र सरकार के 50 लाख से अधिक कर्मचारियों और करीब 30 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा. सरकार लगभग हर 10 साल पर अपने कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी के लिए वेतन आयोग का गठन करती है और अक्सर थोड़े-बहुत बदलाव के साथ राज्य सरकारें भी इस पर अमल करती हैं.
छठा वेतन आयोग एक जनवरी 2006 से लागू हुआ जबकि पांचवां वेतन आयोग एक जनवरी, 1996 और चौथा वेतन आयोग एक जनवरी, 1986 को लागू हुआ था.