वन रैंक वन पेंशन (OROP) पर जारी पूर्व सैनिकों के विरोध के बीच केंद्र सरकार ने एक सदस्यीय आयोग बना दिया है. आयोग के अध्यक्ष रिटायर्ड जज नरसिम्हा रेड्डी हैं. वह पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं. जस्टिस रेड्डी पर उन मसलों का हल निकालने का जिम्मा है, जिन्हें लेकर पूर्व सैनिक असहमत हैं. हालांकि पूर्व सैनिक एक सदस्यीय आयोग के भी पक्ष में नहीं हैं.
यह कमिटी अपने गठन के छह महीने के अंदर मामले में सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी, वहीं अगर जरूरत पड़ी तो समिति सरकार को एक अंतरिम रिपोर्ट भी सौंप सकती है.
सरकार ने दिया भरोसा- हर हल निकलेगा
सरकार ने भरोसा दिया है कि पूर्व सैनिकों की जो भी समस्याएं और शंकाएं हैं, सबका समाधान होगा. इसके लिए सरकार ने कुछ महीने पहले ही एक सदस्यीय आयोग की घोषणा की थी. तभी कहा गया था कि आयोग दिसंबर में बनाया जाएगा. हालांकि पूर्व सैनिकों ने यह प्रस्ताव तब भी खारिज कर दिया था.
पूर्व सैनिकों की यह मांग
पूर्व सैनिकों की मांग है कि यदि OROP के मसलों को सुलझाने के लिए कमेटी बनानी ही है तो उसमें पांच सदस्य हों. उनका आरोप है कि सरकार जान बूझकर इस मसले को टाल रही है. हालांकि सरकार लगातार कह रही है कि जितने भी मुद्दे हैं, सबका समाधान करेगी.
'सबको संतुष्ट करना संभव नहीं'
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर OROP की अधिसूचना जारी होने के बाद कह चुके हैं कि 'सबको संतुष्ट करना संभव नहीं है. हम अपना वादा पूरा कर चुके. OROP का मूल मसला सुलझाया जा चुका है. यदि अब भी कुछ समस्याएं हैं तो एक सदस्यीय आयोग उन्हें देखेगा.'