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जस्टिस आर एम लोढ़ा ने ली देश के 41वें चीफ जस्टिस की शपथ

जस्टिस राजेंद्र मल लोढ़ा ने रविवार को देश के 41वें प्रधान न्‍यायाधीश के तौर पर शपथ ली. राष्‍ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने जस्टिस लोढ़ा को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. जस्टिस लोढ़ा ने जस्टिस पी सदाशिवम की जगह ली है जो शनिवार को रिटायर हो गए.

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जस्टिस आर एम लोढ़ा
जस्टिस आर एम लोढ़ा

जस्टिस राजेंद्र मल लोढ़ा ने रविवार को देश के 41वें प्रधान न्‍यायाधीश के तौर पर शपथ ली. राष्‍ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने जस्टिस लोढ़ा को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. जस्टिस लोढ़ा ने जस्टिस पी सदाशिवम की जगह ली है जो शनिवार को रिटायर हो गए.

64 साल के जस्टिस लोढ़ा जस्टिस सदाशिवम के बाद सुप्रीम कोर्ट के सबसे सीनियर जज हैं. वो अगले पांच महीने तक चीफ जस्टिस के पद पर रहेंगे. जस्टिस लोढ़ा 27 सितंबर, 2014 को रिटायर होंगे.

जोधपुर यूनिवर्सिटी से लॉ ग्रेजुएट जस्टिस लोढ़ा ने फरवरी 1973 में बतौर एडवोकेट बार काउंसिल ऑफ राजस्थान में अपना रजिस्ट्रेशन कराया और अपनी प्रैक्टिस शुरू की थी. लोढ़ा ने संवैधानिक मामलों से लेकर क्रिमिनल और सिविल मामलों की पैरवी की. जस्टिस लोढ़ा 31 जनवरी, 1994 को राजस्थान हाईकोर्ट के जज बने. 13 मई, 2008 को वह पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने. 17 दिसंबर 2008 को जस्टिस लोढ़ा सुप्रीम कोर्ट के जज बने.

जस्टिस लोढ़ा यूपीए-2 सरकार के दौरान चर्चित कोयला घोटाले मामले की भी सुनवाई कर रहे हैं. इस  मामले की सीबीआई जांच कर रही बेंच की अगुवाई करने वाले जस्टिस लोढ़ा ने ही जांच एजेंसी को 'मालिक की भाषा बोलने वाला पिंजड़े में बंद तोता' करार दिया था.

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