आज तक पर भारतीय हॉकी महासंघ (आईएचएफ) के महासचिव के ज्योतिकुमारन पर राष्ट्रीय टीम में खिलाड़ियों के चयन के लिए रिश्वत लेने के आरोप लगने के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
आज तक ने अपने विशेष कार्यक्रम ऑपरेशन चक दे में यह सनसनीखेज खुलासा किया है कि ज्योतिमकुमारन ने एक अनजान खिलाड़ी को टीम में लेने के लिए रिश्वत ली. चैनल की खुफिया टीम ने भारतीय हॉकी के पतन के कारणों की जांच के अपने अभियान में लंबे समय तक लगे रहने के बाद यह तथ्य सामने लाकर सबको हिला दिया है कि भारतीय हॉकी में चयन प्रक्रिया बिल्कुल भी निष्पक्ष नहीं है.
चैनल ने दावा किया है कि ज्योतिकुमारन ने उनकी खुफिया टीम को अगले महीने होने वाले अजलान शाह हॉकी टूर्नामेंट के लिए भारतीय सीनियर हॉकी टीम में एक खिलाड़ी का चयन करवाने का आश्वासन दिया और इसके बदले में उन्होंने बतौर रिश्वत पांच लाख रुपये की मांग की. इसमें दो लाख रुपये ज्योतिकुमारन को दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में 10 और 11 अप्रैल को चुकता कर दिये गये और तीन लाख रुपये उनके आदमी को दिल्ली में देने का वायदा तय हुआ.
चैनल ने दिखाया कि धन प्राप्त करने के कुछ दिन बाद ज्योतिकुमारन ने उन्हें बताया कि खिलाड़ी का नाम इस सप्ताह मंत्रालय को भेजी जा चुकी अजलान शाह कप के लिए खिलाडियों की सूची में पहले ही शामिल किया जा चुका है. चैनल ने बताया कि ज्योतिकुमारन ने उन्हें आश्वासन दिया है कि जहां तक उनका संबंध है खिलाडी की टीम में जगह बुक हो चुकी है और अब यह केवल औपचारिकताएं पूरी करने की बात है.
इस मामले के खुलासे के बाद पूरे खेल जगत में सनसनी फैल गई और धनराज पिल्लै, परगट सिंह, मोहम्मद शाहिद और अशोक कुमार समेत कई पूर्व दिग्गज हॉकी खिलाडियों ने इसे शर्मनाक घटना करार देते हुए ज्योतिकुमारन और के पी एस गिल के इस्तीफे की मांग की.
इस कार्यक्रम के प्रसारण के बाद ज्योतिकुमारन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. बाद में भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने आईएचएफ को भी भंग कर, इसका कामकाज अपने हाथों में ले लिया था. लेकिन अब ज्योतिकुमारन ने अपने ऊपर लगाए गए टेलीविजन चैनल के आरोपों का खंडन किया है. उन्होंने कहा कि चैनल के प्रतिनिधि के साथ उनकी बातचीत को गुपचुप रिकॉर्ड करने के बाद उसमें इरादतन हेर-फेर की गई है.