ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. वहीं ऐसा माना जा रहा है कि सिंधिया अब भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम सकते हैं. इस बीच कांग्रेस सांसद पीएल पुनिया ने सिंधिया का पार्टी छोड़ने के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है.
सांसद पीएल पुनिया ने फेसबुक पर सिंधिया के पार्टी छोड़ने पर टिप्पणी की है. साथ ही उन्होंने इशारों में अपने बयान के जरिए कांग्रेस नेतृत्व और कमलनाथ सरकार पर सवाल खड़ा किया है. अपने बयान में उन्होंने आत्मनिरीक्षण करने की बात भी कही है.
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उन्होंने कहा, 'ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमने ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे वरिष्ठ नेता को खो दिया. यह पूरी तरह से आत्मनिरीक्षण की जरूरत है कि क्या सिंधिया अकेले जिम्मेदार हैं. 15 साल के बीजेपी के कुशासन के बाद हम सत्ता में आए और 15 महीने भी हम इसे बरकरार नहीं रख सके.'
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दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफे के बाद से ही मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. हालांकि कांग्रेस लगातार दावा कर रही है कि उनके पास बहुमत है और सरकार पर किसी तरह का संकट नहीं है.
क्या कहते हैं मध्य प्रदेश में आंकड़े?
मध्य प्रदेश में विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं और इसमें से दो सीट खाली है, जिसके बाद कुल संख्या 228 है. सिंधिया की बगावत के साथ अब तक 22 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा भेजा है. ऐसे में अगर इन कांग्रेसी विधायकों का इस्तीफा स्वीकार हो जाता है तो इसकी कुल संख्या 206 हो जाती है, जिसके बाद बहुमत के लिए 104 विधायकों की जरूरत होगी.