बुधवार की सुबह जैसे ही लोग उठे तो उन्हें एक और रेल हादसे की खबर मिली. आजमगढ़ से दिल्ली आ रही कैफियत एक्सप्रेस औरैया के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई. ये पिछले 5 दिनों में दूसरा बड़ा रेल हादसा है. सरकार लगातार दावा तो कर रही है, लेकिन हादसों में ना तो किसी तरह की कमी आ रही है और ना ही लोगों की मौतें रुक रही हैं. इस हादसे से कई तरह के सवाल उठते हैं...
कभी टूटी पटरी-कभी ट्रैक पर डंपर
हाल ही में खतौली में जो रेल हादसा हुआ था, उस हादसे में 23 लोगों की जान चली गई थी, जबकि 150 से ज्यादा जख्मी हैं. दुर्घटना इतनी भयावह थी कि पटरी से उतरे 13 कोच एक-दूसरे पर जा चढ़े थे. हादसे की वजह थी कि पटरी टूटी हुई थी और मरम्मत का काम चल रहा था. ऐसा ही कारण इस रेल हादसे में भी मिला है, कैफियत एक्सप्रेस गुजर रही थी तो ट्रैक पर डंपर आ गया. अब सवाल ये उठता है कि अगर ऐसे ही ट्रैक पर पटरियां टूटती रहीं या फिर डंपर आते रहे तो क्या जो बुलेट ट्रेन का सपना दिखाया जा रहा है, वह पूरा हो पाएगा.
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इसके अलावा भी हैं कई बड़े सवाल...
- अगर ट्रैक पर काम चल रहा था, तो किसी को जानकारी क्यों नहीं थी?
- कैफियत एक्सप्रेस के अधिकारियों से किसी का संपर्क क्यों नहीं हो रहा था?
- रेलवे क्रॉसिंग के बगैर रेल का ही डंपर क्रॉसिंग कैसे पार कर सकता है?
- क्या रेलवे लगातार हो रहे रेल हादसों से सबक नहीं ले रही है?
कुछ ऐसे हुआ कैफियत ट्रेन हादसा
जानकारी के मुताबिक यह ट्रेन हादसा रात करीब 2 बजकर 40 मिनट पर हुआ. बताया जा रहा है कि ट्रेन एक डंपर (HR63 B 9175) से टकरा गई. अछल्दा और पाता रेलवे स्टेशन के बीच एक मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग पर रेल फाटक पार कर रहे एक डंपर से ट्रेन का इंजन टकरा गया. टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर गए. बताया जा रहा है कि डंपर चला रहे ड्राइवर को नींद आ जाने के चलते यह भीषण दुर्घटना घटी. डंपर फ्रेट कोरिडोर के लिए काम कर रहा था और उसमें रेत भरी हुई थी.