राम माधव के बाद अब बीजेपी के दूसरे महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी इशारों-इशारों में अभिनेता आमिर खान पर निशाना साधा है. उन्होंने इंदौर में पतंगबाजी कार्यक्रम के दौरान कहा कि असहिष्णुता की बात करने वालों का इलाज करना पड़ता है. अभी एक का इलाज हुआ है, दूसरा अभी बाकी है. उन्होंने कहा, 'दंगल में मंगल करना है ध्यान रखना.'
कैलाश विजयवर्गीय ने इशारों में जनता से आमिर खान को सबक सिखाने के लिए अपील की है. आमिर की आने वाली फिल्म ‘दंगल’ का जिक्र करते हुए विजवर्गीय ने कहा कि अभी एक का इलाज हुआ है दूसरे का बाकी है. बता दें कि विजयवर्गीय ने असहिष्णुता पर शाहरुख खान का भी विरोध किया था.
मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री विजयवर्गीय ने कहा, ‘हमारे समाज और संस्कार में असहिष्णुता है ही नहीं. हम तो पेड़-पौधों और जानवरों को भी भगवान मानते हैं. यहां तक कि भागवत में वराह को भी भगवान माना गया है. इसलिए जब कोई असहिष्णुता की बात करता है तो गुस्सा आता है और फिर उसका इलाज करना पड़ता है. अभी एक का इलाज हुआ है, दूसरा अभी बाकी है. दंगल में मंगल करना है ध्यान रखना.’
क्या कहा था आमिर ने
गौरतलब है कि आमिर खान और शाहरुख खान दोनों ही असहिष्णुता के बारे में अपने बयानों को लेकर विवादों में रहे हैं. आमिर ने बीते साल एक कार्यक्रम के दौरान कहा था, ‘देश के मौजूदा माहौल से डरी किरण (आमिर की पत्नी) ने मुझसे देश छोड़कर जाने की बात कही थी.' आमिर ने इस दौरान लेखकों, कलाकारों द्वारा अवॉर्ड वापसी का भी समर्थन किया था.
आमिर के इस बयान पर खूब विवाद हुआ था. उनकी फिल्म ‘दंगल’ इस साल 23 दिसंबर को रिलीज होगी.
क्या कहा था शाहरुख ने
दूसरी ओर, शाहरुख खान ने कहा था कि देश में असहिष्णुता बढ़ी है. ऐसे में अगर उनसे कहा जाता है कि तो वह एक सिम्बॉलिक जेस्चर के तौर पर अवॉर्ड लौटा सकते हैं. बाद में हिंदू संगठनों ने शाहरुख की 18 दिसंबर को रिलीज फिल्म ‘दिलवाले’ का विरोध किया था.
राम माधव ने दी थी 'पत्नी को ज्ञान' की सलाह
इससे पहले बीजेपी नेता राम माधव ने गुरुवार को असहिष्णुता के मुद्दे पर अभिनेता आमिर खान के बयान की एक बार फिर निंदा की. यही नहीं, उन्होंने बिना नाम लिए ही इशारों में आमिर को सलाह दी कि उन्हें देश की प्रतिष्ठा के बारे में केवल ऑटो रिक्शा चालकों को ही नहीं, बल्कि अपनी पत्नी को भी ज्ञान देना चाहिए.
दिल्ली यूनिवर्सिटी के एसजीबीटी खालसा कॉलेज में छात्रों को संबोधित करते हुए बीजेपी नेता ने कई मुद्दों पर अपने विचार रखे. उन्होंने अवॉर्ड वापसी को देश की अस्मिता से जोड़ते हुए कहा, 'सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि भविष्य में पुरस्कार वापसी की जरूरत नहीं हो.' उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं की सुरक्षा और उसके आत्मसम्मान पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा.