परमाणु वैज्ञानिक अनिल काकोदकर ने कुछ आईआईटी निदेशकों की नियुक्ति को लेकर सरकार के साथ संभवत: मतभेद की वजह से आईआईटी बंबई के संचालन मंडल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा से दे दिया है.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा मान मनौव्वल के बाद वह मई तक इस पद बने रहने को राजी हो गए हैं, जब तक उनका कार्यकाल है. स्मृति ईरानी ने मंगलवार शाम उनसे टेलीफोन पर लंबी बातचीत की थी.
काकोदकर ने कहा, 'मैंने अपना त्यागपत्र दे दिया है, क्योंकि मैं आगे बढ़ना चाहता हूं. उन्होंने इन सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया कि क्या निदेशकों की नियुक्ति को उनके और मंत्री के बीच मतभेद हो गए थे.
अहम बात यह है कि उनका यह कदम ऐसे समय में आया है जब आईआईटी पटना, भुवनेश्वर और रोपड़ के निदेशक नियुक्त करने के लिए सर्च-कम-सेलेक्शन कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है. समिति की अध्यक्ष स्मृति ईरानी हैं और काकोदकर उसके सदस्य हैं. समिति की 22 मार्च को बैठक होने वाली है.
काकोदकर के इस्तीफ से दो महीने पहले आईआईटी दिल्ली के निदेशक आर शेवगावंकर ने पिछले साल दिसंबर में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. शेवगावंकर के इस्तीफे पर विवाद उत्पन्न हो गया था क्योंकि खबर आई थी कि कुछ मुद्दों पर मंत्रालय के साथ उनके गहरे मतभेद थे. उनका इस्तीफा अब तक स्वीकार नहीं हुआ.
मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार आईआईटी पटना और आईआईटी भुवनेश्वर के नये निदेशक की पसंद को लेकर आम सहमति है, लेकिन आईआईटी रोपड़ के साथ यह मामला नहीं है. करीब 37 उम्मीदवार मंत्रालय में साक्षात्कार के ताजा दौर के लिए बुलाये गए हैं. समझा जाता है कि काकोदकर उम्मीदवारों के चयन को लेकर मंत्रालय से सहमत नहीं हैं.