पांच में से चार राज्यों में विधानसभा चुनाव में हुई कांग्रेस की हार के बाद पार्टी में से ही आवाजें उठने लगी थीं कि इस हार के लिए केंद्रीय नेतृत्व जिम्मेदार है. इसके बाद एक बार फिर प्रियंका गांधी को पार्टी में शामिल करने की मांग उठने लगी है. लेकिन कांग्रेस नेता कमलनाथ का कहना है कि पार्टी में किसी तरह के बदलाव की जरूरत उन्हें नजर नहीं आती.
सोनिया को बनना होगा सर्जन
एक तरफ जहां कांग्रेस नेता मणि शंकर अय्यर ने पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी की आलोचना की है वहीं दूसरी तरफ दिग्विजय सिंह का कहना है कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पार्टी में फिर से जान फूंकने के लिए एक सर्जन की भूमिका निभानी पड़ेगी. उन्होंने कहा, 'ये सर्जन को तय करना है कि वो किस तरह की सर्जरी करना चाहती हैं.'
हार का ठीकरा सोनिया पर फोड़ना गलत
हालांकि पार्टी के दिग्गज नेता कमलनाथ ने कहा कि इस हार के लिए सोनिया गांधी को जिम्मेदार ठहराना गलत है. हमारे सहयोगी चैनल इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में कमलनाथ ने कहा, 'हार के लिए पार्टी में सभी लोग बराबर जिम्मेदार हैं.'
पार्टी नेतृत्व में नहीं बदलाव की जरूरत
सोनिया गांधी के बारे में पूछे जाने पर कमलनाथ ने कहा कि उन्हें पार्टी का अध्यक्ष बने रहना चाहिए. उन्होंने कहा, 'सोनिया गांधी को पार्टी अध्यक्ष बने रहना चाहिए. मुझे नहीं लगता कि नेतृत्व में किसी तरह के बदलाव की जरूरत है. कांग्रेस का नेतृत्व करने के लिए गांधी परिवार ही सबसे बेहतर है क्योंकि उन्हें लोकतांत्रिक तरीके से चुना गया है.'
कमलनाथ ने इंटरव्यू में कहीं ये बातें:
1. राजनीति में कुछ भी स्थिर नहीं होता, कांग्रेस वापसी करेगी.
2. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस मुक्त भारत की बात कैसे कर सकते हैं, जबकि हमें बीजेपी से ज्यादा सीटें मिली हैं. कांग्रेस को कुल मिलाकर 140 सीटों पर जीत मिली है जबकि बीजेपी को महज 64 सीटें हाथ लगी हैं.
3. मैं इस बात को मानता हूं कि पार्टी के पुनर्गठन की जरूरत है. पार्टी को नए एआईसीसी, महासचिव और एक सीडब्ल्यूसी की जरूरत है.
4. तमिलनाडु में कांग्रेस ने मुश्किल सीटों पर चुनाव लड़ा जबकि बीजेपी को कुछ नहीं मिला.
5. ये कहना गलत है कि लोगों ने कांग्रेस का साथ इसलिए छोड़ा क्योंकि वो राहुल गांधी से नहीं मिल पाए.
6. लोग गांधी परिवार के लिए दशकों से वोट देते आए हैं. इसे लोकतंत्र पर राजवंश नहीं कहा जा सकता.
7. बीजेपी ने कांग्रेस नेताओं को लालच दिया.
8. कांग्रेस ने अपनी विचारधारा के साथ समझौता नहीं किया. यही वजह है कि कांग्रेस ने असल में कोई गठबंधन नहीं किया.