खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के मुद्दे पर संसद में जारी गतिरोध को दूर करने के लिए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने बुधवार को लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज तथा राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली से मुलाकात की.
कमलनाथ ने जहां इस बात पर बल दिया कि अधिकतर दल किसी भी नियम के तहत चर्चा कराए जाने के पक्ष में हैं. वे वोटिंग के प्रावधान वाले नियम के तहत ही चर्चा कराए जाने के लिए अड़े हुए नहीं हैं. लेकिन भाजपा नेताओं ने कहा कि वे आज भी वोटिंग के प्रावधान वाले नियम के तहत ही चर्चा कराए जाने की अपनी मांग पर कायम हैं.
भाजपा नेताओं- सुषमा और जेटली से मुलाकात के बाद कमलनाथ ने इसे संसद के दोनों सदनों का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने की दिशा में किया गया प्रयास बताया.
उन्होंने कहा, 'हमने फैसला लोकसभा अध्यक्ष पर छोड़ दिया है. संसद के सुचारु संचालन के लिए पीठासीन अधिकारी कोई भी निर्णय ले सकते हैं.'
वहीं, कमलनाथ से मुलाकात के बाद सुषमा ने सवालिया लहजे में कहा कि यदि केंद्र सरकार संसद में संख्या बल को लेकर आश्वस्त है तो इस मुद्दे पर मतदान क्यों नहीं करा रही?
सुषमा ने कहा, '..हमारे लिए यह आवश्यक हो गया है कि हम अब अपनी बात उठाएं और इसके लिए मतदान आवश्यक है.'
भाजपा नेता ने कहा, 'हमने स्पष्ट कहा है कि हम संसद की कार्यवाही तभी चलने देंगे, जब वोटिंग के प्रावधान वाले नियम 184 के तहत चचा होगी. प्रधानमंत्री ने बहुमत होने का दाव किया है. डीएमके भी सरकार का समर्थन कर रही है. यदि संख्या बल आपके पास है तो आप इस मुद्दे पर मतदान क्यों नहीं कराते?'