यूपी-बिहार के प्रवासियों की वजह से मध्य प्रदेश में स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिल पाता. मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ के इस बयान की भले ही आलोचना हो रही हो लेकिन वह अपने बयान पर अड़े हुए हैं. उन्होंने फिर बयान जारी कर कहा है कि यह सब जगह है, दूसरे राज्यों में भी है, मैंने कौन सी नई बात की है? स्थानीय लोगों को वरीयता मिलनी चाहिए.
Kamal Nath, Madhya Pradesh CM on his remark on 'UP, Bihar migrants': Yeh sab jagah hai, anya states mein bhi hai. Maine kaunsi nayi baat kari? Local logon ko preference milni chahiye. pic.twitter.com/D87C2a0bDE
— ANI (@ANI) December 19, 2018
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही कमलनाथ ने कई बड़े ऐलान किए थे. उन्होंने 6 घंटे में किसानों का कर्ज माफ करने की फाइल पर साइन कर दिए थे. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि मध्य प्रदेश में सिर्फ उन उद्योग धंधों और कंपनियों को इन्सेंटिव मिलेगा जो 70 फीसदी स्थानीय लोगों को रोजगार देंगी. उन्होंने कहा था कि यूपी-बिहार के लोग नौकरियों पर कब्जा कर लेते हैं जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिलता.
कमलनाथ के इस बयान की कई नेताओं ने आलोचना की थी. भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कमलनाथ जो बात कह रहे हैं उसका प्रवधान पहले से है. बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि अगर यही बात उनपर भी लागू हुई तो कानपुर में जन्मे कमलनाथ को परेशान हो जाएगी. केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे का बयान आया था जिसमें उन्होंने कहा था कि कमलनाथ को यूपी-बिहार में घुसने नहीं देंगे. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और राष्ट्रीय जनता दल ने भी कमलनाथ के इस बयान पर विरोध दर्ज कराया था. इस बयान के विरोध में उनके खिलाफ बिहार के मुजफ्फरनगर कोर्ट में केस भी दर्ज करा दिया गया.
इस बीच कमलनाथ ने बयान जारी कर अपनी स्थिति साफ कर दी है कि उन्होंने कहा है कि कि यूपी बिहार के प्रवासियों पर मैंने क्या गलत कहा है, यह तो हर जगह है, दूसरे राज्यों में भी है, मैंने कौन सी नई बात की है. स्थानीय लोगों को वरीयता मिलनी चाहिए. ऐसा लगता है कि उन्होंने सोच समझकर यह बयान जारी किया है. लोकसभा चुनाव में अपनी पकड़ और मजबूत बनाने के लिए वह कोई ऐसा दांव खेलना चाहते हैं जिससे एमपी के लोग उनसे और जुड़ाव महसूस करें.