ईसाइयों पर हुए हमलों में बजरंग दल को आरोप मुक्त करते हुए उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सोमवार को कहा कि कंधमाल में हिंसा की हालिया घटनाएं अनुसूचित जाति एवं जनजातियों के 'हितों के टकराव' की परिणति हैं.
राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक में सांप्रदायिक सौहार्द के संदर्भ में उड़ीसा की खुशनुमा तस्वीर पेश करने की कोशिश करते हुए पटनायक ने राज्य के कुछ हिस्सों में समय-समय पर हुई हिंसक घटनाओं के लिए मूल निवासियों खास कर अनुसूचित जाति एवं जनजातियों के बीच तनाव को जिम्मेदार बताया.
कंधमाल में हुई सांप्रदायिक हिंसा की दो घटनाओं का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वहां अतीत में भी भूमि अधिकार, रोजगार के अवसर और धर्म को लेकर अनुसूचित जाति एवं जनजातियों के बीच टकराव हुआ है. उन्होंने कहा कि कंधमाल में हाल ही में हुई हिंसक घटनाएं इसी टकराव का प्रत्यक्ष प्रमाण हैं. कंधमाल में अनुसूचित जातियों का प्रतिशत 22 और जनजातियों का प्रतिशत 53 है.
पटनायक की यह टिप्पणी महत्वपूर्ण है क्योंकि ईसाइयों के खिलाफ हिंसा तथा गिरजाघरों पर हमले की घटनाओं के लिए बजरंग दल पर आरोप लगाया गया और संघ परिवार की इस ईकाई पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठने लगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि कंधमाल में स्थिति नियंत्रण में आ चुकी है और जिले में विभिन्न समुदायों के बीच सांप्रदायिक सौहार्द के उपाय भी किए गए हैं.
उन्होंने कहा कि जिले में कमिश्नर पद के एक विशेष प्रशासक की नियुक्ति की गई है जो इलाके में हो रहे बदलावों पर नजर रखे हुए है. प्रशासक को जमीन अधिकारों को लेकर पूरी शक्ित दी गई, जिसे सुलझाया जा सके.