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कन्हैया को 14 दिन की न्यायिक हिरासत, तिहाड़ जेल में रखा जा सकता है

देशविरोधी नारेबाजी के आरोपी कन्हैया कुमार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया गया है. पटियाला हाउस कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के बाद यह फैसला दिया.

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आरोपी कन्हैया को हल्की चोटें आई हैं
आरोपी कन्हैया को हल्की चोटें आई हैं

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जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में देशविरोधी नारेबाजी के आरोपी कन्हैया कुमार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. पटियाला हाउस कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के बाद यह फैसला दिया. दो मार्च तक के लिए उसे तिहाड़ जेल भेज दिया गया.

तिहाड़ के जेल नंबर- 3 में रखा जाएगा कन्हैया
जेल भेजने से पहले कोर्ट में ही जेएनएसयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार की मेडिकल जांच करवाई गई. मेडिकल टीम ने बताया कि उसे हल्की चोटें आई हैं. कन्हैया को तिहाड़ के जेल नंबर तीन में रखा जाएगा. जेल प्रशासन के मुताबिक उसे बेहद सुरक्षा इंतजामों में रखने के आदेश हैं. इसलिए हो सकता है कि उसे बाकी कैदियों से अलग रखा जाए. जेल में भी उसकी गतिविधियों पर खास निगरानी रखी जाएगी.

भीड़ पर लगाया कोर्ट परिसर में मारपीट का आरोप
इसके पहले कन्हैया ने कोर्ट में अपना बयान दिया. उसने कहा कि कोर्ट परिसर में भीड़ ने उसके साथ मारपीट की. उसने जेएनयू में आंदोलन कर रहे छात्रों से संविधान पर भरोसा रखने की अपील भी की. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद पटियाला हाउस कोर्ट में सुरक्षा इंतजामों में पुलिस नाकाम रही. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पहले सुनवाई के दौरान रूम खाली करने का आदेश दिया फिर थोड़ी देर के लिए सुनवाई रुकवा दी थी.

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वकीलों ने कहा- कन्हैया की जान को खतरा
सुप्रीम कोर्ट की ओर से भेजे गए पांच वकील पटियाला हाउस पहुंचे थे. सीनियर एडवोकेट इंदिरा जयसिंह ने सुप्रीम कोर्ट को पटियाला हाउस में हुई घटना की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि कन्हैया कुमार की पेशी के दौरान उस पर हमला हुआ. वकीलों की टीम पर पत्थरबाजी की गई. उनके खिलाफ प्रदर्शन करते हुए पटियाला हाउस कोर्ट के वकीलों के एक धड़े ने नारेबाजी भी की. सुप्रीम कोर्ट से पांच वकीलों की टीम में कपिल सिब्बल, राजीव धवन और दुष्यंत दवे भी शामिल थे. टीम ने दिल्ली पुलिस को सुरक्षा करने में नाकाबिल बताते हुए कन्हैया की जान को खतरा होने की बात कही.

सुप्रीम कोर्ट ने डीसीपी से पूछा, सुरक्षा कर पाएंगे या नहीं
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस चेलामेश्वर ने ऐसे हालात पर चिंता जताते हुए दिल्ली पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी से बात की. उन्होंने पूछा कि आप सुरक्षा कर सकते हैं या हम आदेश दें. कोर्ट ने सख्त लहजे में दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा कि दिशा निर्देशों का पालन क्यों नहीं किया गया. कोर्ट परिसर में हिंसा क्यों हुई. बस्सी ने कहा कि कोर्ट अगर कन्हैया को जमानत देता है तो हम विरोध नहीं करेंगे.

पुलिस ने की थी चाक चौबंद व्यवस्था
पटियाला हाउस कोर्ट परिसर के बाहर लगभग 400 पुलिसकर्मी तैनात थे. पुलिस कन्हैया को वकीलों के हमले से बचाकर कोर्ट में पेशी के लिए ले गई. इसके पहले सारे सुरक्षा इंतजामों को तोड़कर लोगों ने कन्हैया पर हमला बोला. जेएनयू विवाद को लेकर कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई ने रायसीना रोड पर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.

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