नागरिकता (संशोधन) बिल के विरोध में असम में हिंसक प्रदर्शन जारी है. वहीं जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्याल (JNU) छासंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार लगातार बिल के विरोध में ट्विटर पर हमलावर पोस्ट डाल रहे हैं. अपने नए पोस्ट में उन्होंने सरकार द्वारा लाए गए नागरिकता संशोधन बिल को लोगों के लिए लॉलीपॉप बताया है.
कन्हैया कुमार ने इसे समझाने के लिए एक किस्सा ट्वीट किया है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ''एक बच्चा भूख के मारे रो रहा था और अपने पापा से खाना मांग रहा था. पापा ने उसे अलमारी के ऊपर बिठा दिया. अब बच्चा भूख भूलकर अलमारी से नीचे उतरने के लिए रोने लगा. खेल को समझिए. आपके बच्चों को शिक्षा-रोजगार चाहिए. ये लोग आप सबको अपनी नागरिकता सिद्ध करने के जाल में उलझा देना चाहते हैं.''
एक बच्चा भूख के मारे रो रहा था और अपने पापा से खाना माँग रहा था।पापा ने उसे अल्मारी के ऊपर बिठा दिया।अब बच्चा भूख भूलकर अल्मारी से नीचे उतरने के लिए रोने लगा
खेल को समझिए।आपके बच्चों को शिक्षा-रोजगार चाहिए।ये लोग आप सबको अपनी नागरिकता सिद्ध करने के जाल में उलझा देना चाहते है
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyakumar) December 11, 2019
कन्हैया कुमार ने केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए बुधवार को भी दो ट्वीट किया था. उन्होंने लिखा था, ''पिछले 5 साल आधार कार्ड को पैन कार्ड से लिंक करवाने में निकाल दिए, ये 5 साल 'दादाजी के दादाजी का बर्थ सर्टिफिकेट' बनवाने में निकाल देंगे. इस बीच 'राष्ट्रवादी' सरकार पब्लिक सेक्टर को चवन्नी-अठन्नी में बेचकर ट्रेन टिकट से लेकर कॉलेज की डिग्री तक सब कुछ गरीबों की पहुंच से बाहर कर देगी.'
वहीं दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा था, 'देश के सभी लोगों को डॉक्यूमेंट्स के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने होंगे. इस तमाशे के दौरान ONGC, BSNL, Air India, Railways सब बिक जाएगा. फिर प्राइवेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस में 400 रुपए की जगह 4000 रुपए का टिकट खरीदिएगा और 10 लाख में डिग्री लेकर 10 हजार महीने में नौकरी करिएगा.'
'भारत की सोच को चुनौती'
इससे पहले बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संसद से नागरिकता संशोधन विधेयक के पारित होने को भारत के संवैधानिक इतिहास का ‘काला दिन’ करार दिया. उन्होंने कहा कि यह उस भारत की सोच को चुनौती है जिसके लिए राष्ट्र निर्माता लड़े थे.
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस भाजपा के 'विभाजनकारी एजेंडे' के खिलाफ संघर्ष जारी रखेगी सोनिया ने एक बयान में कहा, 'आज भारत के संवैधानिक इतिहास में काला दिन है. नागरिकता संशोधन विधेयक का पारित होना तुच्छ सोच वाली और कट्टर ताकतों की भारत के बहुलवाद पर जीत है. "
उन्होंने कहा, 'यह विधेयक उस आइडिया ऑफ इंडिया को बुनियादी तौर पर चुनौती है जिसके लिए हमारे राष्ट्र निर्माताओं ने लड़ाई लड़ी. अब इसकी जगह अशांत, विकृत और विभाजित भारत बनेगा जहां धर्म राष्ट्रीयता की पहचान होगा.'
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा , "यह विधेयक न सिर्फ हमारे संविधान में निहित समता एवं धार्मिक आधार पर भेदभाव नहीं होने के सिद्धांत का अपमान है, बल्कि यह उस भारत को खारिज करने का द्योतक है जो सभी धर्मों, जातियों, वर्गों और नस्ल के लोगों का रहा है." गौरतलब है कि राज्यसभा ने बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी प्रदान की.
नये कानून में क्या है प्रवाधान?
लोकसभा ने सोमवार रात नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी दी थी. इस विधेयक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है.