छात्र नेता कन्हैया कुमार ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा. चंडीगढ़ में एक कार्यक्रम में शामिल होने आए कन्हैया कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री के खिलाफ बोलना न तो देशद्रोह है और न ही भारतीय सेना की मुखालफत. कन्हैया कुमार ने कहा कि गणतंत्र न तो किसी विचारधारा का मोहताज है और न ही किसी राजनीतिक पार्टी का.
ताजमहल को कब्रिस्तान कहे जाने के सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए कन्हैया कुमार ने कहा कि ताज महल को उसके नाम से नहीं, बल्कि उसकी खूबसूरती से आकर्षित होकर लाखों लोग उसे देखने आते हैं. कन्हैया ने कहा कि ताजमहल को ताजमहल कहिये, तेजू महल, उसे मोती महल कहिये या फिर मोदी महल, लेकिन वह रहेगा तो सिर्फ ताजमहल ही ना.
नारायण राणे को बीजेपी में शामिल किए जाने पर कन्हैया ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि जब तक वह जब कांग्रेस में थे तो भ्रष्टाचारी थे लेकिन अब बीजेपी में शामिल हो कर सब ठीक हो गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कन्हैया कुमार ने कहा कि बीजेपी अपने चुनावी वादे पूरे करने में पूरी तरह से नाकाम रही है. बजाए रोटी, कपड़ा शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाने के सरकार भगवान राम की बड़ी मूर्ति बनवाने, लोगों की घर वापसी और गंगा सफाई अभियान में उलझी रही.
कन्हैया कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो चेहरे हैं. एक चेहरा जो भाषण देते वक्त आम आदमी की बात करता है उनके दुख को महसूस करता है और दूसरा चेहरा वह है जो कुछ करता नहीं और सिर्फ बातें करता है.
कन्हैया कुमार ने चुनाव आयोग पर अप्रत्यक्ष हमला बोलते हुए कहा कि जानबूझकर गुजरात चुनाव की तारीखें घोषित नहीं की है, क्योंकि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुजरात दौरे का मौका देना चाहता है, ताकि वह वहां जाकर कुछ घोषणा कर सकें.
कन्हैया कुमार ने पाटीदार समुदाय के बारे में कहा कि गुजरात में उनका पलड़ा भारी है, इसलिए बीजेपी इस समुदाय के लिए संघर्षरत लोगों को तोड़ने में लगी हुई है.
कन्हैया कुमार उस सवाल को टाल गए जिसमें उनसे पूछा गया था कि वह गुजरात में आखिर किसे मदद करना चाहेंगे. कन्हैया कुमार ने कहा कि वह पाटीदार समुदाय के नेता हार्दिक पटेल के साथ कई मुद्दों पर सहमत नहीं हैं और गुजरात के लोगों को उस पार्टी को वोट देना चाहिए जो असल में गुजरात का विकास करना चाहती है और महज गप्पें नहीं हांकती.