जेएनयू मामले की जांच में रजिस्ट्रार की चिट्ठी से बड़ा खुलासा हुआ है. पत्र में कहा गया है कि 9 फरवरी के विवादित कार्यक्रम की इजाजत रद्द करने पर कन्हैया ने न सिर्फ ऐतराज जताया था, बल्कि सवाल भी पूछे थे. दूसरी ओर, यूनिवर्सिटी की आंतरिक जांच कमिटी को रिपोर्ट पूरी करने के लिए दिए गए डेडलाइन को एक सप्ताह आगे बढ़ा दिया गया है. नई डेडलाइन 11 मार्च है, जबकि पहले इसे 3 मार्च तक पूरा करने का लक्ष्य था.
'आज तक' के पास रजिस्ट्रार की चिट्ठी की एक्सक्लूसिव कॉपी है. इसमें जेएनयू की आंतरिक जांच कमिटी को रजिस्ट्रार भुपिंदर जुत्शी ने 9 फरवरी की घटना का सिलसिलेवार ब्योरा दिया है. यह चिट्ठी 3 मार्च को लिखी गई है. चिट्ठी में बताया गया है कि जेएनयूएसयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने रजिस्ट्रार को फोन कर कार्यक्रम की इजाजत रद्द करने पर ऐतराज जताया था.
इजाजत रद्द करने के खिलाफ था कन्हैया
जुत्शी ने कुलपति एम जगदीश कुमार की ओर से गठित उच्च अधिकार प्राप्त जांच समिति के सामने बयान दिया है. समझा जाता है कि उन्होंने कहा कि कन्हैया कुमार नौ फरवरी के कार्यक्रम की इजाजत को रद्द करने के अधिकारियों के फैसले के खिलाफ था. इस कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर राष्ट्र विरोधी नारे लगाए गए थे.
अशक्त छात्रों के लिए नई बस पर थी चर्चा
जुत्शी ने समिति से कहा, ‘मैंने अपने कार्यालय में नौ फरवरी को दोपहर तीन बजे जेएनएसयू की एक बैठक बुलाई थी ताकि अशक्त छात्रों के लिए नई बस के मार्ग पर चर्चा हो सके. कन्हैया कुमार और जेएनयूएसयू महासचिव रमा नागा सबसे पहले वहां पहुंचे. दोपहर करीब तीन बजे हमने बस मार्ग पर चर्चा की. 10 मिनट के बाद एबीवीपी सदस्य और जेएनएसयू के संयुक्त सचिव सौरभ शर्मा भी वहां आए. हम सभी ने 10 मिनट तक बस मार्ग पर चर्चा की.’
एबीवीपी के सौरभ शर्मा ने दी विवादित कार्यक्रम की जानकारी
जुत्शी ने समिति से कहा, ‘‘शर्मा ने बाद में मुझे अफजल गुरू की ‘न्यायिक हत्या’ पर एक ‘सांस्कृतिक कार्यक्रम’ का पर्चा दिखाया और कहा कि कुछ छात्र आज (नौ फरवरी 2016) को शाम पांच बजे साबरमती ढाबा में इस कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं.’’ रजिस्ट्रार ने आगे कहा कि जब यूनिवर्सिटी ने इजाजत वापस लेने का फैसला किया तो कन्हैया ने इसे रद्द करने पर ऐतराज जताया था.
जांच समिति ने निष्कासित किए 8 छात्र
जेएनयू ने विवादास्पद कार्यक्रम की जांच के लिए 10 फरवरी को एक अनुशासनात्मक समिति गठित की गई. शुरुआती जांच रिपोर्ट के आधार पर कन्हैया सहित आठ छात्र अकादमिक रूप से निष्कासित कर दिए गए. पांच सदस्यीय समिति को रिपोर्ट सौंपने के लिए दो बार विस्तार दिया गया है. इसकी सिफारिशें 11 मार्च को आने की उम्मीद है.
एडमिन ब्लॉक पर राष्ट्रवाद पर लेक्चर के साथ प्रदर्शन
वहीं रविवार शाम को यूनिवर्सिटी के एडमिन ब्लॉक पर देशविरोधी नारेबाजी के आरोपी उमर खालिद और अनिर्बान की रिहाई के लिए वाम छात्र संगठनों ने एकप्रदर्शन किया. प्रदर्शन के अंत में मशहूर इतिहासकार रोमिला थापर और हरबंस मुखिया ने राष्ट्रवाद पर भाषण दिया.