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कन्हैया ने NHRC से की पुलिस की शिकायत, कहा- गलत तरीके से किया अरेस्ट

जेएनयूएसयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखकर खुद को गिरफ्तार किए जाने से लेकर पेशी के दौरान पटियाला हाउस में हुई मारपीट के बारे में जानकारी दी.

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कन्हैया ने पत्र में अपने परिवार पर भी हमले होने के डर के बारे में बताया
कन्हैया ने पत्र में अपने परिवार पर भी हमले होने के डर के बारे में बताया

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जेएनयू में नौ फरवरी को हुए विवादित आयोजन में देशद्रोही नारेबाजी के आरोप में तिहाड़ जेल में बंद छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखकर अपनी बातें कही है. जेएनयूएसयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने अपने पत्र में खुद को गिरफ्तार किए जाने से लेकर पेशी के दौरान पटियाला हाउस में हुई मारपीट के बारे में जानकारी दी.

पुलिस हिरासत में होती मानसिक परेशानी
चार पेज के पत्र में कन्हैया ने लिखा है कि दिल्ली पुलिस ने उन्हें बिना किसी नोटिस या वारंट के हॉस्टल के कमरे से गिरफ्तार कर लिया. कन्हैया ने लिखा कि पुलिस ने उसके साथ कोई मारपीट नहीं की, लेकिन गिरफ्तारी से लेकर अबतक उसे मानसिक तौर पर परेशानी हो रही है. कन्हैया ने बताया कि पुलिस ने उसकी मर्जी के बिना और कोर्ट में पेशी से पहले दबाव देकर उससे बयान दिलवाया.

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सारे निजी सामानों को पुलिस ने जब्त किया
कन्हैया ने लिखा कि भले ही पुलिस ने उसे पीटा नहीं, लेकिन पुलिस हिरासत में उसने असुरक्षित महसूस किया. उसने बताया कि पुलिस ने गिरफ्तारी के दौरान ही उसके निजी सामानों को जब्त कर लिया. इसमें उसके पर्स, एटीएम, ईमेल, फेसबुक और ट्विटर के अकाउंट और पासवर्ड के साथ ही कमरे की चाभी शामिल है.

पुलिस ने दबाव देकर लिखवाई अपील
कन्हैया ने आयोग को लिखा कि 17 फरवरी को पुलिस ने उससे 'देश का माहौल बिगड़ रहा है' बताने के लिए अपील लिखने के लिए कहा. शुरुआत में अपील की तरह लिखने से आनाकानी करने पर पुलिस ने उसपर दबाव देकर लिखवाया.

पूर्व नियोजित था कोर्ट में जानलेवा हमला
कन्हैया ने लिखा है कि पटियाला हाउस कोर्ट में पेशी के दौरान उसे लोगों ने पीटा. हमलावर लोगों ने काले कोट पहने हुए थे और वकील की तरह लगते थे. लग रहा था कि सब पहले से मुझे मारने की प्लानिंग कर चुके थे. वह हमला जानलेवा लग रहा था.

परिवार पर हमले का है डर
कन्हैया ने पत्र में अपने परिवार पर भी हमले होने के डर के बारे में बताया. उसने लिखा कि इस बारे में वह सबकुछ लिखकर जज को बता चुका है. कन्हैया ने लिखा कि कोर्ट कैंपस में उसने हमलावर शख्स को पहचाने की बात कही, लेकिन पुलिस अधिकारियों ने उस शख्स को वहां से जाने दिया. कन्हैया के पत्र पर 18 फरवरी की तारीख लिखी हुई है.

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