scorecardresearch
 

2जीः कनिमोझी को फिर नहीं मिली जमानत

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने कनिमोझी की जमानत याचिका को रद्द करते हुए अगली सुनवाई 11 नवंबर की मुकर्रर की है. कनिमोझी सहित 2जी घोटाले के 7 अन्य आरोपियों की जमानत याचिका भी खारिज कर दी गई है.

Advertisement
X
कनिमोझी
कनिमोझी

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने कनिमोझी की जमानत याचिका को रद्द करते हुए अगली सुनवाई 13 नवंबर की मुकर्रर की है. कनिमोझी सहित 2जी घोटाले के 7 अन्य आरोपियों की जमानत याचिका भी खारिज कर दी गई है.  

Advertisement

सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओ पी सैनी ने 24 सितंबर को कनिमोझी, स्वान टेलीकाम के प्रमोटर शाहिद उस्मान बलवा, पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा के पूर्व निजी सचिव आर के चंदोलिया, कलैंगनार टीवी के प्रबंध निदेशक शरद कुमार, कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजिटेबल्स के निदेशक आसिफ बलवा और राजीव अग्रवाल तथा बालीवुड निर्माता करीम मोरानी की जमानत याचिकाओं पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था.

अदालत ने इन लोगों के अलावा पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा की जमानत याचिका पर भी अपना आदेश मंगलवार को सुरक्षित रख लिया था.

सीबीआई ने कनिमोझी और चार अन्य की जमानत का विरोध नहीं करने का फैसला इस आधार पर किया था कि उनके खिलाफ विशिष्ट आरोप लगाये गये हैं.

एजेंसी ने भारतीय दंड संहिता की धारा 409 के तहत कनिमोझी और चार अन्य पर आपराधिक विश्वास भंग के आरोप भी लगाये थे जिनमें अधिकतम दंड के तौर पर आजीवन कारावास की सजा हो सकती है.

Advertisement

एजेंसी ने हालांकि शाहिद बलवा, चंदोलिया और बेहुरा की जमानत याचिकाओं का विरोध किया है. विशेष सरकारी वकील यू यू ललित ने शाहिद बलवा और चंदोलिया के बारे में अदालत से कहा कि उन्हें जमानत नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि उनके खिलाफ लगाये गये आरोपों के तहत अधिकतम कैद सात साल की हो सकती है.

कनिमोझी और शरद कुमार के वकील अलताफ हुसैन ने कहा था कि उच्चतम न्यायालय के 22 जून के आदेश के तहत दोनों को आरोप तय होने के बाद जमानत हासिल करने के लिए विशेष न्यायालय की शरण में जाना चाहिए. अदालत ने सभी आरोपियों के खिलाफ 22 अक्तूबर को आरोप तय कर दिये थे.

मोरानी के वकील सिद्धार्थ लूथरा ने यह कहते हुए जमानत मांगी थी कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है और उनके खिलाफ जांच पूरी हो चुकी है और आरोप भी तय कर दिये गये हैं.

शाहिद बलवा के वकील विजय अग्रवाल ने कहा था कि वह जमानत की पूर्व शर्त के तहत एतिसालात डीबी के 55 प्रतिशत शेयर अदालत में जमा कराने के इच्छुक हैं.

आसिफ और राजीव की जमानत याचिकाओं पर तर्क देते हुए अग्रवाल ने कहा था कि जहां तक पूरक आरोप पत्र का सवाल है, इन दोनों लोगों को सबसे लंबे समय से जेल में रखा गया है.

Advertisement

बेहुरा की ओर से पेश वकील अमान लेखी ने दावा किया था कि सीबीआई इस मामले के विभिन्न आरोपियों के बीच भेदभाव कर रही है और राजनीति के चलते सिर्फ कुछ लोगों की जमानत याचिकाओं का विरोध नहीं कर रही.

Advertisement
Advertisement