द्रमुक अध्यक्ष एम करुणानिधि की बेटी कनिमोझी दूसरी बार राज्यसभा की सदस्य चुन ली गयीं. राज्य से राज्यसभा की इस लड़ाई में असंतुष्टों से जूझ रही पार्टी डीएमडीके परास्त हो गयी जबकि सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक के चार उम्मीदवार और उसकी सहयोगी पार्टी भाकपा के उम्मीदवार उम्मीदों के अनुसार मैदान मारने में सफल रहे.
राज्यसभा में अन्नाद्रमुक संसदीय दल के नेता और पार्टी के उम्मीदवार वी मैत्रेयन तीसरी बार चुनाव जीतने में सफल रहे जबकि भाकपा सचिव डी राजा अन्नाद्रमुक की मदद से दूसरी बार राज्यसभा पहुंचने में कामयाब रहे.
राज्य विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल डीएमडीके को करारा झटका लगा है क्योंकि उसके अपनी पार्टी के सात सदस्यों ने खुली बगावत करते हुए अन्नाद्रमुक के पक्ष में मतदान किया जिससे उसके उम्मीदवार ए आर ईलानगोवन चुनाव हार गए.
अभिनेता से नेता बने विजयकांत की पार्टी अन्य दलों के समर्थन की उम्मीद पर चुनाव में कूदी थी लेकिन उसे अपने बागियों की तो छोड़ो, किसी का भी समर्थन नहीं मिला.
234 सदस्यीय विधानसभा में डीएमडीके के 29 सदस्य हैं और ईलानगोवन के पक्ष में 22 मत पड़े.
वरिष्ठ नेता करुणानिधि अपनी बेटी की जीत सुनिश्चित करने में सफल रहे जो 2 जी स्पैक्ट्रम घोटाला मामले में आरोपी हैं. वह लगातार दूसरी बार राज्यसभा पहुंची हैं.
अन्नाद्रमुक और भाकपा उम्मीदवारों को विजयी घोषित किए जाने के बाद निर्वाचन अधिकारी एएमपी जमालुद्दीन ने छठे उम्मीदवार की जीत का फैसला करने के लिए ‘छंटनी’ की प्रक्रिया का विकल्प चुना क्योंकि कनिमोझी और ईलानगोवन बराबरी के दावेदार थे. अधिकारी ने कहा कि इन दोनों के पक्ष में अतिरिक्त मतों की संभावना एक विजेता का फैसला कर सकती है लेकिन संयोगवश, अन्नाद्रमुक उम्मीदवारों के पक्ष में दूसरी वरीयता के सारे वोट अन्नाद्रमुक के ही एक अन्य उम्मीदवार के पक्ष में थे.
उदाहरण के लिए, अन्नाद्रमुक के वी मैत्रेयन के अतिरिक्त मतों में दो दूसरी वरीयता के मत शामिल थे लेकिन ये मत उनकी अपनी ही पार्टी के अर्जुन के लिए डाले गए थे. इससे जमालुद्दीन ने तुरंत मत को ‘एग्जोस्टिड पेपर’ घोषित कर दिया क्योंकि अर्जुन पहले ही मतों की गिनती की समाप्ति पर विजयी घोषित किए जा चुके थे.
यही मामला रत्नावेलु, अर्जुन और लक्ष्मणनन का रहा. उनके सारे अतिरिक्त मत अन्नाद्रमुक सदस्यों में से एक के पक्ष में डाले गए थे और जमालुद्दीन ने उन सभी को ‘एग्जोस्टिड पेपर’ घोषित कर दिया. राजा को दूसरी वरीयता के कोई वोट नहीं मिले.
कनिमोझी को ईलानगोवन के 22 के मुकाबले 31 मत मिले जिससे विजयकांत की अगुवाई वाली पार्टी की जीत की सभी उम्मीदें ध्वस्त हो गयीं.
घंटाभर चली मतगणना की समाप्ति पर मैत्रेयन, अर्जुन और रत्नावेलु को 36-36 मत मिले जबकि लक्ष्मणन को 35 मत मिले. राजा को 34 और कनिमोझी को 31 मिले. अन्नाद्रमुक के प्रभुत्व वाली तमिलनाडु राज्य विधानसभा में अन्नाद्रमुक के 151, डीएमडीके के 29 (सात असंतुष्टों समेत), द्रमुक के 23, माकपा के 10, भाकपा के आठ, कांग्रेस के पांच, पीएमके के तीन, एमएमके तथा पुथिया तमिझगम के दो-दो और फोरवर्ड ब्लाक का एक सदस्य है.