कनिष्क विमान हादसे के 25 साल बाद कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर ने संस्थागत विफलता के लिए माफी मांगी और पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा मुहैया कराने की दिशा में पहला कदम उठाया.
एयर इंडिया के कनिष्क विमान में हुए विस्फोट में 329 लोग मारे गए थे. बम विस्फोट के जरिए हुए आतंकवादी हमले की 25वीं वषर्गांठ पर अपने भावुक भाषण में हार्पर ने कहा कि एयर इंडिया की उड़ान 182 के विध्वंस की घटना ही इस बात का प्राथमिक सबूत है कि कुछ बहुत अधिक गलत हुआ. इसके लिए हम माफी मांगते हैं.
उन्होंने कहा कि इसके लिए और उन सालों के लिए, जिनके दौरान आपके सवाल का जवाब दिए जाने की वैधानिक जरूरत प्रशासनिक लापरवाही का शिकार हुई. हार्पर ने कनिष्क मामले की जांच करने वाले आयुक्त न्यायाधीश जान मेजर की निंदात्मक रिपोर्ट आने के एक सप्ताह से भी कम समय में माफी मांगी है. रिपोर्ट में कहा गया था कि पुलिस और प्रशासन की एक के बाद एक विनाशकारी गलतियों के चलते देश में आतंकवाद की सर्वाधिक भयानक कार्रवाई अंजाम दी गयी जिसे टाला जा सकता था.
प्रधानमंत्री ने सिफारिश की है कि पीड़ितों के परिजनों को मुआवजे की राशि का उचित निर्धारण करने के लिए एक स्वतंत्र आयोग स्थापित किया जाए. एयर इंडिया का उड़ान संख्या 182 वाला कनिष्क विमान 23 जून 1985 को विमान में हुए विस्फोट के बाद अटलांटिक सागर में जा गिरा था.