आपको बता दें कि अविरल निर्मल गंगा के लिए चल रहे नमामि गंगे प्रोजेक्ट की समीक्षा के लिए शनिवार को पीएम मोदी और नीतीश कुमार कानपुर पहुंच रहे हैं. इस दौरान दोनों नेता नेशनल गंगा काउंसिल की बैठक में हिस्सा लेंगे. इसमें यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत अन्य केंद्रीय मंत्री और अधिकारी शामिल हो सकते हैं. इस दौरान पीएम मोदी, नीतीश कुमार और योगी आदित्यनाथ गंगा नदी पर एक स्टीमर में गंगा की सैर करेंगे.
वैसे तो यह कार्यक्रम सरकारी है, लेकिन नमामि गंगे के इस कार्यक्रम के सियासी मायने जरूर निकाले जाएंगे, क्योंकि इस सरकारी कार्यक्रम से ऐसी ही कुछ तस्वीर उभरने वाली है. कभी एक-दूसरे से हाथ मिलाने से परहेज करने वाले और अब सबसे घनिष्ठ सहयोगियों में एक जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कानपुर में गंगा की लहरों पर पीएम मोदी के साथ नजर आएंगे, तो उन पर सबकी नजर होगी. इतना ही नहीं, उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की होंगे.
यह केंद्र सरकार का वह सरकारी कार्यक्रम है, जिसमें उन सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को शामिल होना है, जहां से गंगा गुजरती है यानी उत्तराखंड से लेकर पश्चिम बंगाल तक. हालांकि इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास शामिल नहीं हो रहे हैं, लेकिन उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार के मुख्यमंत्री शामिल हो रहे हैं.
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि जल्द ही पूरी गंगा नदी, जो उत्तर प्रदेश में गुजरती है, वह निर्मल अविरल होगी. गंगा नदी में कोई भी नाला या सीवरेज नहीं गिरेगा. नमामि गंगे को लेकर लगातार काम हो रहे हैं. उत्तर प्रदेश और बिहार में गंगा सफाई को लेकर बड़े स्तर पर काम चल रहे हैं. ऐसे में यह देखना भी दिलचस्प है कि गंगा सफाई के जितने दावे किए जा रहे हैं, वह कितने हकीकत पर खरे उतरते हैं.